नाहन, 15 सितंबर : हिमाचल प्रदेश के गिरिपार क्षेत्र में खदानों (Mines) के ट्रकों की ओवरलोडिंग को लेकर खनन व ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) का इम्तिहान आ गया है। ये इम्तिहान, 16 सितंबर से शुरू होगा। दरअसल, राज्य सरकार ने आपदा को लेकर 16 सितंबर तक राज्य में तमाम खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध भी लगाया हुआ है।

इसी के मद्देनजर सिरमौर की खदानों में भी लाइम स्टोन (Limestone) की खुदाई नहीं हो रही है। इस तारीख के बाद खनन गतिविधियां शुरू हो सकती है। हालांकि, खदानों में बारिश की वजह से भी गतिविधियां स्थगित रहती हैं, लेकिन सरकार के आदेशों की वजह से खनन गतिविधियां बंद है। लाजमी तौर पर आपके जेहन में एक सवाल कौंध रहा होगा कि आखिर ये कौन सा इम्तिहान है।
दरअसल, एक अरसा पहले इलाके के ही एक व्यक्ति द्वारा मुख्य तौर पर दो बिंदुओं को लेकर एनजीटी (NGT) का दरवाजा खटखटाया गया था। इसमें कहा गया था कि खदानों के ट्रकों में तीन गुणा तक भी ओवरलोडिंग होती (Overloading) है। साथ ही ये भी कहा गया कि ट्रकों (Trucks) की आवाजाही से उड़ने वाली धूल के कारण प्रदूषण (Pollution) भी होता है। शिकायत पर एनजीटी ने कुछ समय बाद सुनवाई की।
इसके बाद मामले को लेकर उपायुक्त को एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। 8-10 महीने पहले तत्कालीन उपायुक्त के नेतृत्व में कमेटी ने मौके का निरीक्षण (Inspection) भी किया। एक रिपोर्ट एनजीटी को प्रेषित की गई। इसमें कुछ कार्यों को अनुमोदित किया गया। जून 2023 में एनजीटी ने कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश देकर याचिका को डिस्पोज कर दिया।
अब एनजीटी के निर्देश के बाद पहली बार 16 सितंबर से खनन गतिविधियां शुरू होने जा रही है। लिहाजा, खनन व ट्रांसपोर्ट विभाग का इम्तिहान भी इसी तारीख से शुरू होगा, क्योंकि निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ये विभाग खासकर खनन ओवरलोडिंग रोकने में सफल होंगे या नहीं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन व संबंधित विभागों ने खदान मालिकों से भी एनजीटी के निर्देशों को लेकर बैठक की है। आपके जेहन में ये भी सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ओवरलोडिंग का रिस्क क्यों लिया जाता है।
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दरअसल, खदानों से पत्थर की ढुलाई में ट्रांसपोर्ट (Transport) की लागत में कटौती करने के मकसद से खान मालिकों द्वारा ओवरलोडिंग की जाती है। इससे जहां एक तरफ यातायात नियमों का उल्लंघन होता है, वहीं कई मायनों में जोखिम (Risk) भी पैदा होता है।
राजपुरा में माइनिंग विभाग की एक चेक पोस्ट है, यहां ट्रकों का वजन(धर्मकांटा) भी होता है। इसी के आधार पर रॉयल्टी की वसूली की जाती है। ये बात सही है कि ओवरलोडिंग से सरकार के खजाने को चूना नहीं लग रहा, बल्कि वजन के हिसाब से रॉयल्टी वसूली जा रही है। रोचक बात ये भी है कि चेकपोस्ट (Check Post) पर ट्रक में लोड कुल वजन का रिकॉर्ड भी दर्ज होता है। इसकी मासिक रिपोर्ट जिला खनन अधिकारी को भी भेजी जाती है। यानी ओवरलोडिंग की जानकारी ऑन रिकॉर्ड (On Record) दर्ज होती है।
ये भी हो सकता है फार्मूला…
यदि गंभीरता हो तो कार्रवाई के लिए आसान फार्मूला भी उपलब्ध है। लाइम स्टोन से लदे ट्रकों को माइनिंग विभाग की चेकपोस्ट पर रुकना होता है। यहां वजन धर्मकांटा में तोला जाता है। अगर ट्रक ओवरलोड है, तो इसकी जानकारी सबसे पहले खनन विभाग को ऑन रिकॉर्ड मिल जाती है। इस दस्तावेज को अगली कार्रवाई के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport) को साझा किया जा सकता है। साथ ही एम फार्म में भी लोडिंग को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए जा सकते है।
क्या बोला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड…
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पवन शर्मा ने कहा कि एनजीटी के निर्देशों की जानकारी संबंधित विभागों से साझा कर ली गई है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जहां तक धूल उड़ने की बात है तो ट्रकों को तिरपाल से ढका जा रहा है, साथ ही बनौर तक छिड़काव के लिए स्थाई तौर पर टैंकर (Water Tanker) लगाए गए हैं।
ये खनन विभाग का कहना…
जिला खनन अधिकारी कुलभूषण शर्मा ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जा रहा है। इसमें ट्रकों को बॉडी लाइन (Body Line) से अधिक माल लोड करने की अनुमति नहीं होगी। ट्रांसपोर्ट विभाग से उचित कार्रवाई का आग्रह किया गया है। उनका कहना था कि बरसातों(Rains) से पहले एनजीटी ने कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश दिए थे। इसमें बॉडी लाइन से अधिक लोडिंग पर भी प्रतिबंध होगा।
ये ट्रांसपोर्ट विभाग की प्रतिक्रिया…
ट्रांसपोर्ट विभाग की एआरटीओ (ARTO) सोना चौहान का कहना था कि विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है। एनजीटी के निर्देशों की कड़ाई से पालना की जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 3 साल में केवल ओवरलोडिंग के चालान से ही करीब 13 लाख का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने कहा कि खनन विभाग के समन्वय से उचित कार्रवाई की जाएगी।