शिमला/सोलन, 14 सितंबर : हत्या की खौफनाक वारदात में ‘पीड़ित’ की शिनाख्त न होने की सूरत में अपराधी के खुले आसमान के नीचे जीवन व्यतीत करने की संभावनाएं काफी प्रबल हो जाती हैं। लिहाजा, हत्या की वारदात में खाकी सबसे पहले पीड़ित की ही पहचान करती है। यहीं से जांच की दिशा तय होती है। पीड़ित की पहचान न होने पर अक्सर ही खौफनाक वारदात के केस मिस्ट्री (Murder Mystery) बनकर ही रह जाते हैं। लेकिन हिमाचल की यातायात, पर्यटक व रेलवे पुलिस ने ‘अज्ञात व्यक्ति’ को न्याय दिलवाया है।

गरीब प्रवासी का हत्यारा न केवल सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है, बल्कि हत्या की वजह भी ढूंढ निकाली है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के रहने वाले 28 वर्षीय सूरज पुत्र शेर सिंह ने अज्ञात व्यक्ति को 6 सितंबर की शाम इस कारण मौत के घाट उतार दिया था, क्योंकि वो अप्राकृतिक शारीरिक संबंध बनाने को तैयार नहीं था।
सनसनीखेज वारदात में सूरज ने पहले घुमंतु व्यक्ति के गले पर बीयर की खाली बोतल से वार किया। इसके बाद पत्थर से कुचल कर मौत के घाट उतार दिया। बता दें कि मर्डर की वारदातों में अक्सर अपराधी पीड़ित की पहचान को भी छिपाने की कोशिश करते हैं, ताकि पुलिस उन तक न पहुंच पाए। लेकिन हत्या का ये केस इस कारण जुदा है, क्योंकि पीड़ित की पहचान ही नहीं थी।
7 सितंबर को राजकीय रेलवे थाना शिमला में सोलन के धर्मपुर में कालका-शिमला रेलवे ट्रैक से लाश बरामद होने की सूचना मिली थी। टीटीआर के एआईजी (AIG) संदीप धवल व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) नरवीर सिंह राठौर ने भी बारीकी से घटनास्थल का जायजा लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए महर्षि मार्कण्डेय कॉलेज कुम्हारहट्टी (MMU Kumharhatti) भेज दिया गया।
राजकीय रेलवे थाना शिमला में आईपीसी (IPC) की धारा-302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। 48 घंटे से भी कम समय में सूरज को गिरफ्तार करने के बाद सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। सूरज की निशानदेही पर घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पुलिस ने साक्ष्य जुटाए। सूरज ने पूछताछ में इस बात को कबूला है कि उसने पीड़ित से शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया था। इसी दौरान उसकी निर्मम हत्या कर दी गई।
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कैसे हुआ केस क्रैक…
जांच टीम ने गहनता से पूरे इलाके की स्कैनिंग करनी शुरू की। टारगेट ऐसे लोगों का पता लगाना था, जो लापता हों। चूंकि मृतक भी प्रवासी प्रतीत हो रहा था, लिहाजा पुलिस ने प्रवासी मजदूरों की बस्तियों पर ही खुद को केंद्रित किया। चूंकि शिद्दत से मेहनत की जा रही थी, लिहाजा पुलिस को इलाके से एक व्यक्ति के गायब होने की सूचना मिली।
जांच में पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि लापता व्यक्ति हत्यारा हो सकता है। आरोपी को जम्मू-कश्मीर फरार होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया।
उधर, आरोपी को पांच दिन के पुलिस रिमांड के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। डिजिटल डाटा (Digital Data), सीडीआर (CDR) इत्यादि को भी खंगाला जा रहा है। उधर टीटीआर (TTR) के डीआईजी गुरदेव चंद शर्मा ने तमाम पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में रह रहे प्रवासी मजदूरों व किराएदारों का विवरण तैयार किया जाए। थाना प्रभारी को गश्त के दौरान इन पर कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि क्षेत्र में हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में टीटीआर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर राठौर ने कहा कि जांच की दिशा में मामूली सी देरी से आरोपी को फायदा मिल सकता था। उनका कहना था कि पीड़ित की पहचान को लेकर भी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी भी पीड़ित को नहीं पहचानता है। वो शारीरिक संबंध के मकसद से उसे बहला-फुसला कर रेलवे ट्रैक की तरफ ले गया था।