बिलासपुर, 10 सितंबर : जनपद के कोठीपुरा स्थित स्वास्थ्य संस्थान एम्स में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन प्रशासन के हाथ इन तक नहीं पहुंच रहे हैं। एम्स में स्थित कैंटीन में कैंटीन संचालक प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक में खाना परोस रहे हैं जिससे लोगों में बीमारियां फैलने का भी खतरा बना हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर सरकार ने पूर्णतः प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन इसके बावजूद जिला में इसका प्रयोग करने के मामले सामने आए हैं। हालांकि प्रदूषण बोर्ड विभिन्न बाजारों में जाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन एम्स में मौजूद कैंटीन में प्रयोग हो रहे सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कैंटीन में प्रयोग होने वाले इस सिंगल यूज प्लास्टिक में गर्मागर्म सब्जी डाली जा रही है जो सेहत के लिए हानिकारक है जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
हालांकि एम्स प्रशासन ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं कि यह कैंटीन उनके दायरे में है तथा इस पर प्रशासन ही शिकंजा कस सकती है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या प्रशासन और अन्य अधिकारी केवल छोटी छोटी मछलियों पर कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। एम्स में प्रतिदिन सैंकड़ों लोग अपना चैकअप करवाने के लिए पहुंचते हैं और इस कैंटीन का प्रयोग करते हैं। ऐसे में विभागीय और प्रशासनिक अधिकारियों को लोगों की सेहत का ध्यान रखते हुए इसके ऊपर ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ न हो।
वहीं इस बारे में एम्स पीआरओ डॉ निधि पूरी का कहना है कि कैंटीन एम्स के अधीन नहीं है। एम्स में मरीजों को प्लेटों में ही खाना परोसा जाता है। यदि कोई व्यक्ति सिंगल यूज प्लास्टिक में खाना ले जा रहा है तो उसका दायित्व है कि वह इसे स्वीकार न करे। यह सेहत के लिए हानिकारक है। प्रशासन ही कैंटीन के खिलाफ कदम उठा सकता है।