नाहन, 9 सितंबर : वैसे तो सिरमौर पुलिस की कार्यशैली संतोषजनक आंकी जा रही थी, लेकिन ऐतिहासिक शहर ‘नाहन’ में अरसे से सिंघम स्टाइल के पुलिस अधिकारी का भी इंतजार किया जा रहा था। इसकी भरपाई होती नजर आ रही है।

उत्तराखंड की सीमा पर पांवटा साहिब में कानून व्यवस्था को लेकर शानदार बैटिंग कर चुके तेजतर्रार डीएसपी (DSP) रमाकांत ठाकुर ने चंद रोज पहले नाहन में डीएसपी (मुख्यालय) के तौर पर कार्यभार संभाला है। 2017 बैच के एचपीएस अधिकारी रमाकांत ठाकुर मूलतः कांगड़ा के पालमपुर के रहने वाले हैं। चंद माह पहले पांवटा साहिब से चंबा के सलूणी में बतौर एसडीपीओ (डीएसपी) स्थानांतरित हुए थे। हालांकि, उस समय भी डीएसपी की कार्यशैली को नजदीक से जानने वाले चाहते थे कि वो नाहन में पोस्टिंग लें। लेकिन संभव नहीं हुआ था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को ये भी जानकारी मिली कि चंबा से नाहन तक का लंबा सफर तय करने के बाद आराम करने की बजाय डीएसपी रमाकांत सीधे ही फील्ड में उतर गए। बावजूद इसके कि एक पांव में दर्द भी है।
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पुलिस में बतौर डीएसपी पारी शुरू करने से पहले रमाकांत ठाकुर कॉर्पोरेट दुनिया में एक कामयाब सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे। मौद्रिक लाभ की सोचते तो शायद पुलिस विभाग की तुलना में कॉर्पोरेट वर्ल्ड में पांच गुणा अधिक आमदनी कमा सकते थे, लेकिन बचपन से ही एक तेजतर्रार पुलिस अधिकारी बनने की ललक भी थी। लिहाजा, कॉर्पोरेट वर्ल्ड को छोडकर हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा की तैयारी में जुट गए।
करीब 6 साल के करियर में ऊना, पांवटा साहिब, सलूणी के बाद नाहन में पहुंचे हैं। आपको बता दें कि सलूणी में रहने के दौरान भी डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित ‘मनोहर हत्याकांड’ को बखूबी सुलझाने में सफलता हासिल की थी। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने कहा कि नशाखोरी व ट्रैफिक सर्वोच्च प्राथमिकता में है, लेकिन पब्लिक के फीडबैक के आधार पर भी कार्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
उनका कहना था कि वो पैदल घूम कर फीडबैक लेने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता पुलिस का सहयोग करे। सूचना गोपनीय तरीके से भी दी जा सकती है। आपको बता दें कि डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने हरियाणा पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण हासिल किया है।