शिमला, 6 सितंबर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि छात्रों की डिग्री प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर आधार नंबर न लिखें। राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों की ओर से जारी होने वाली डिग्रियों और अनंतिम प्रमाणपत्रों (Provisional certificates) पर छात्रों का पूरा आधार नंबर छापने पर विचार कर रही हैं। इसका मकसद नियुक्ति या दाखिले की प्रक्रिया के दौरान सत्यापन में उक्त दस्तावेजों की सुविधा देना है।

यूजीसी के सचिव ने विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र
यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा है कि नियम के अनुसार आधार नंबर रखने वाली कोई भी संस्था इससे जुड़े किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड को तब तक सार्वजनिक नहीं करेगी, जब तक कि नंबर को उचित तरीकों से संपादित या ब्लैक आउट न कर दिया गया हो।
नियमों का सख्ती से करें पालन
पत्र में कहा गया, ‘छात्रों की डिग्री और अनंतिम प्रमाणपत्रों पर आधार नंबर छापने की अनुमति नहीं है। उच्च शिक्षण संस्थानों को यूआईडीएआई (UIDAI) के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। बता दें कि इस बारे में यूजीसी (UGC) की आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर भी एक नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में सभी उच्च शिक्षण संस्थान, कॉलेज, यूनिवर्सिटी यूजीसी के पोर्टल पर जाकर इस अधिसूचना को चेक कर सकते हैं।