सोलन, 4 सितंबर : हिमाचल प्रदेश के सोलन में पुलिस नशाखोरी के कारोबार खासकर चिट्टे पर जबरदस्त स्ट्राइक कर रही है। पहाड़ी प्रदेश में सबसे कम उम्र में पुलिस अधीक्षक बनने वाले गौरव सिंह ने सोलन में करीब दो-अढ़ाई महीने पहले कार्यभार संभाला था। शायद ही कोई दिन ऐसा रहा हो, जिसमें खाकी ने नशा कारोबारियों को न दबोचा हो।

आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। यकीन मानिए, महज 60-70 दिन में बाहरी राज्यों के 18 सप्लायर्स को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। सोलन पुलिस ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ तक जाल बिछाकर नशा कारोबार की रीढ़ को तोड़ने की कामयाब कोशिश की है। 18 में से अफ्रीकन मूल के तीन तस्करों को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
बड़ी बात ये है कि सोलन पुलिस स्थानीय स्तर पर चिट्टा बेचने वाले को पकड़ने के बाद हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ जाती है, बल्कि बैकवर्ड लिंक की जड़ खोदना शुरू कर देती हैै। 31 जुलाई को चार युवकों को चिट्टे की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया था। यकीन मानिए कि एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस ने इस केस का पीछा नहीं छोड़ा है।
इसी केस की निरंतरता में पंजाब से 21 साल के सूरज को गिरफ्तार किया गया हैै। वो काफी अरसे से अपने घर नहीं जा रहा था। 31 जुलाई के मामले में आधा दर्जन गिरफ्तारियां कर ली गई हैं। पुलिस की छानबीन में ये भी आया है कि पंजाब के तस्कर खुद चिट्टे का नशा नहीं करते, बल्कि युवाओं को दलदल में धकेलते हैं।
उधर, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि 31 जुलाई को 16.10 ग्राम चिट्टे के साथ चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस लुधियाना के 23 वर्षीय नवप्रीत तक पहुंची। नवप्रीत से पता चला कि उसने चिट्टे की खेप को लुधियाना के ही 21 वर्षीय सूरज से खरीदा था। नवी की गिरफ्तारी के बाद से ही सूरज भूमिगत हो गया था। एसपी ने बताया कि लुधियाना पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन में सूरज को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।