शिमला, 31 अगस्त : आईएएस (IAS) अधिकारी हरिकृष्ण मीणा के नाम सोशल मीडिया पर कथित भ्रष्टाचार को लेकर जारी हुए फर्जी पत्र (Fake Letter) मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी मनोज शर्मा को कोर्ट से जमानत (Bail) मिल गई है। शिमला पुलिस (Shimla Police) ने गुरुवार को आरोपी मनोज शर्मा को जिला अदालत में पेश किया। पुलिस ने बीते सोमवार को इसे हिरासत में लिया था।

पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लिया था। इनमें से तीन आरोपियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। जबकि एक आरोपी को हिरासत (Police Custody) में लेकर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट से इसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था।
जानकारी के मुताबिक पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग मिले है। इसके आधार पर पुलिस इस केस को आधे से ज्यादा सुलझा चुकी है। आरोपी से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने इस फर्जी पत्र की मूल कॉपी बरामद कर ली है। जांच में सामने आया है कि चंबा जिला के भरमौर (Bharmour) निवासी आरोपी मनोज शर्मा ने इस फर्जी पत्र का फोटो खींचा और फिर इसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
पुलिस ने यह भी पाया है कि अधिकारी की छवि बिगाड़ने की नीयत से इस पत्र को आगे वायरल किया गया था। पुलिस शुरूआती जांच में पत्र वायरल करने वालों को गिरफ्त में ले रही है। इसके बाद पुलिस यह पता लगा रही है कि यह पत्र आरोपी तक कैसे पहुंच गया और इसका सूत्रधार कौन है। इस पत्र को वायरल (Viral Letter) करने की मंशा व इसके सियासी कनेक्शन की भी पड़ताल की जा रही है।
रिमांड के दौरान पुलिस को पूछताछ में कई अहम शुरुआत हाथ लगे हैं और भाजपा के एक बड़े नेता अब पुलिस की रडार पर हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि पुलिस किसी भी वक्त इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है। शिमला के एसपी संजीव गांधी ने बताया कि इंटरनेट मीडिया (Internet Media) में वायरल फर्जी पत्र को बरामद कर कब्जे में ले लिया गया है। मामले में जांच जारी है और इसे लेकर जल्द महत्वपूर्ण तथ्य सामने आएंगे।
बता दें कि शिमला पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोज शर्मा को बीते सोमवार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने उसका तीन दिन का रिमांड हासिल किया। अब उसे कोर्ट ने जमानत दे दी है।