बिलासपुर, 31 अगस्त : जनपद के नैनादेवी (Naina Devi) व झंडूता विधानसभा क्षेत्र की जनता का 18 वर्षों का लंबा इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण बागछाल पुल (Bagchhal Bridge) के दोनों छोर आखिरकार आपस में जुड़ गए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह (Ex CM Virbhadra Singh) द्वारा इस पुल की आधारशिला जगातखाना में रखी गई थी। इसके बाद पुल की नींव में गड़बड़ी आ जाने से पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया था।

इसके पश्चात 13 साल बाद वर्ष 2018 में पुल का निर्माण कार्य दुबारा शुरू किया गया। अब करीब 18 वर्षों के बाद ग्रामीणों का सपना साकार होने जा रहा है। गोविंद सागर झील पर बने 330 मीटर लंबे इस पुल के दोनों छोर आपस में जुड़ गए हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों द्वारा वाहनों की आवाजाही के लिए इस पुल को खोलने को लेकर मार्च 2024 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन जिस गति के साथ पुल निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है, उसे देखते हुए समय से पहले ही इस पुल का उदघाटन होने की उम्मीद जताई जा रही है।

आपको बता दें कि बागछाल पुल को बनाने के लिए 56 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं व अब तक इसके निर्माण पर 52 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके है। बागछाल पुल के दोनों छोर मिलने के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि बागछाल पुल का निर्माण करना तकनीकी के क्षेत्र में काफी मुश्किल था, मगर इंजीनियर्स द्वारा इसे शानदार तरीके से पूरा किया जा रहा है, जिसके चलते पुल के दोनों छोर आपस में जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पुल के आगे सीआरआईएफ (CRIF) के तहत 46 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत टू-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिससे हमीरपुर व बिलासपुर जिला की दूरी और भी कम हो जाएगी और लोगों को आने-जाने में काफी सहूलियत मिलेगी।