नाहन, 30 अगस्त : हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर के प्रांगण में इस बार ” एकादशी” का मौका यादगार बन गया। पहली बार हरिद्वार के गंगा तट की तर्ज पर आरती की गई। एकादशी के मौके पर लुधियाना के महा आरती (#MahaAarti) सेवा परिवार द्वारा विशेष पूजा अर्चना की व्यवस्था की थी। दल ने माता बाला सुंदरी (#MaaBalaSundari Temple) मंदिर में हर की पौड़ी (#HarKPauri) तर्ज पर भव्य संध्या आरती की। श्रद्धालुओं (Devotees) व मंदिर न्यास के लिए भी यह एक अनोखा अनुभव रहा। ये भव्य आरती बुधवार को तीसरे दिन भी खासी चर्चा में है।

संध्या आरती में 200 श्रद्धालु शामिल हुए। श्रावण मास शुक्ल पक्ष एकादशी (Ekadashi) होने की वजह से त्रिलोकपुर में हरियाणा के पेहवा, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला व यमुनानगर के लगभग 15,000 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। इस विशेष आरती के लिए मंदिर न्यास (Temple Trust) समिति ने विशेष व्यवस्था की थी।
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बता दें कि पड़ोसी राज्यों में माता बाला सुंदरी लाखों परिवारों की कुलदेवी (KulDevi) भी है। मंदिर का इतिहास सैंकड़ो साल पुराना है। पूजा अर्चना की अध्यक्षता भगत रितेश गुप्ता ने की। महाआरती के आयोजक माँ बालासुन्दरी टेम्पल पेज से नवीन जैन रहे। मंदिर न्यास समिति के प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर माता बाला सुंदरी की आरती की गई। लुधियाना (पंजाब) से आए 25 सदस्यों के विशेष आरती दल ने आरती प्रक्रिया को संपन्न किया। यह अपने आप में एक अनोखा अनुभव रहा। बता दे कि रविवार को श्रावण मास शुक्ल पक्ष की एकादशी थी।