नाहन, 27 अगस्त : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नाहन में बड़ी धूमधाम से अलौकिक रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर शिमला से आए रमेश भाई (RCM business emerald achiver) ने सभा में अपने अनुभव सांझा किये।

इस अवसर पर सेवा केंद्र की संचालिका बी के रमा दीदी जी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि यूं तो बंधन किसी को अच्छा नहीं लगता है, लेकिन इस रक्षाबंधन के बंधन में सभी बांधना चाहते हैं। जब हम ईश्वर के प्रेम व मर्यादाओं के बंधन में बंध जाते हैं तो विकारों और तमाम प्रकार की बुराइयों के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि विकारों से मुक्त होने से स्वतः ही हमारी रक्षा होने लगती है। ऐसे में एक अदृश्य सत्ता परमपिता परमात्मा की शक्ति है जो अपनी शिक्षाओं द्वारा ही हमारी रक्षा करते हैं इसीलिए कहा जाता है कि सत्संग प्रतिदिन आवश्यक है।
बीके दीपशिखा ने कहा कि कोई मनुष्य हमारी रक्षा नहीं कर सकता क्योंकि हम किसी की भी रक्षा के लिए सक्षम नहीं। परमात्मा पिता हमें संकल्प का रक्षा कवच बंधवाते हैं कि हम अपने अंदर किसी भी गुण को धारण करें। धारणा करेंगे तो हमारे अंदर से कमी कमजोरी निकलती जाएगी। उन्होंने कहा, परमात्मा हमें धारणा स्वरूप बनने की शिक्षा देते हैं। इस वर्ष विशेष यह नवीनता करनी है कि हर घंटे में चेक करें कि क्या मैं उसका स्वरूप बना हूं, जो संकल्प मैंने लिया था, क्योंकि अब समय कम होता जा रहा है।

बी के शिवानी ने कहा कि रक्षाबंधन पर सबसे पहले तिलक लगाना हमें आत्म स्मृति दिलाता है। मिठाई मीठे बोल वह व्यवहार का प्रतीक है। बी के प्रियंका ने रक्षाबंधन के अवसर पर एक कविता प्रस्तुत की।
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इस कार्यक्रम के उपलक्ष में वार्ड नंबर 4 की पार्षद श्रुति समेत नाहन व आसपास के गांव से आए अनेकों भाई बहनों को रक्षा सूत्र बांधा गया। कार्यक्रम के अंत में शिवन्या, मान्या, शिवानी और खुशी के द्वारा “पवित्रता की राखी बांधो रे” पर खूबसूरत नृत्य प्रस्तुत किया गया। रक्षाबंधन के इस कार्यक्रम में पवन भाई, विनीत भाई, सोहन भाई,राजेश, बाबूराम, यादवेंद्र, इन्द्रा देवी, राखी चौहान, राजरानी, सहित अनेक भाई बहन मौजूद रहे।