सुंदरनगर, 27 अगस्त : मंडी जिला में हर साल बरसात के मौसम में पहाड़ों से खड्डों में लाखों टन रेत-बजरी बह कर आता है। इसका मूल्य करोड़ों में होता है, लेकिन प्रदेश सरकार और खनन विभाग के उदासीन रवैये के कारण इसका सही उपयोग नहीं हो पता है। खड्डों के तराई वाले क्षेत्रों में जब यह रेत और बजरी इक्ट्ठा हो जाता है तो इस पर खनन माफियाओं की गिद्ध की तरह पैनी नजर पड़ जाती है।

माफियाओं द्वारा अवैध खनन कर इसे मनमाने दामों पर बेचकर करोड़ों रूपयों का मुनाफा कमाया जाता है। जहां इस रेत तथा बजरी की नीलामी से सरकारी खजाने को अच्छा खासा भरा जा सकता है, वहीं खनन माफिया पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
मंडी संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान सांसद प्रतिभा सिंह ने पहल करते हुए खनन विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श किया है। प्रतिभा सिंह ने क्षेत्र में बाढ़ में आए रेत और बजरी के अवैध खनन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि नाचन विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान खनन विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श किया गया है।
उन्होंने कहा कि खनन विभाग को इस रेत और बजरी की नीलामी करनी चाहिए। इससे करोड़ों रूपयों में मिलने वाले राजस्व से नुकसान की भरपाई में भी सहायता प्रदान होगी। प्रतिभा सिंह ने कहा कि रेत और बजरी की नीलामी से खनन विभाग को भी फायदा पहुंचेगा।

बता दें कि मंडी जिला सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदा के बाद विभिन्न खड्डों में लाखों टन रेट और बजरी इकट्ठा हो गई है। अगर प्रदेश सरकार खनन विभाग के माध्यम से रेत तथा बजरी की नीलामी करवाएं तो कर्जे में डूबी प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए की आमदनी हो सकती है। लेकिन अभी तक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद अवैध खनन पर किसी भी प्रकार की बंदिश नहीं लगाई जा सकी है। इससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का राजस्व घाटा होने के अलावा भूस्खलन और भूमि कटाव का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।