शिमला, 23 अगस्त : हिमाचल की राजधानी शिमला में मंगलवार रात व बुधवार को हुई मूसलाधार वर्षा ने कोहराम मचा दिया है। बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन (landslide) और पेड़ों के गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। लगातार हो रही वर्षा ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया है।

भूस्खलन से शहर की कई अंदरूनी सड़कों को नुकसान पहुंचा, वहीं कई गाड़ियां दब गई हैं। कई घरों व दफ्तरों में मलबा घुस गया है। ऐतिहासिक मॉल रोड पर भी भूस्खलन की घटना सामने आई है। हेरिटेज शिमला रेलवे स्टेशन (Heritage Shimla Railway Station) को भी बारिश से नुकसान पहुंचा। बारिश की वजह से रेलवे स्टेशन (railway station) में इंजनों के खड़े होने वाला यार्ड ढह गया। घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
बारिश ने इस कदर कहर बरपाया कि सबसे बड़े व सुरक्षित माने जाने वाले आईजीएमसी (IGMC)अस्पताल भी इससे नहीं बच पाया। आईजीएमसी के स्पेशल वार्ड (special ward) के छत से पानी बारिश की तरह बरसा। इससे स्पेशल वार्ड में पानी भर गया। स्पेशल वार्ड वीवीआइपी (VIP) लोगों के लिए रिजर्व रहता है।
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भारी वर्षा से शहर के कनलोग में भारी भूस्खलन हुआ है और कई पेड़ जड़ों से उखड़कर धराशायी हुए। मलबे से एक निजी कम्पनी के दफ्तर और घरों को भी खतरा पैदा हो गया है। दफ्तर में काम कर रहे कर्मचारियों ने भूस्खलन के बीच भाग कर जान बचाई।
यहां सेब से लदा एक ट्रक भी बीच सड़क में पलट गया। हादसे में ट्रक चालक बाल-बाल बचा। शहर के बीसीएस (BCS) में भी कई पेड़ों के गिरने से तीन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं, वहीं सड़क अवरुद्ध हो गई। आईएसबीटी (ISBT) के पास पहाड़ी से गिरे मलबे ने एक निजी बस को नुकसान पहुंचाया। बस में कोई भी मौजूद नहीं था।
शिमला के मॉल रोड पर लिफ्ट के पास आज सुबह भूस्खलन हो गया। भारी मात्रा में मलबा मॉल रोड पर गिर गया। साथ ही पेड़ भी धराशायी हुए। ओल्ड बस स्टैंड-छोटा शिमला सड़क पर हिमलेंड (Himland) में भी पेड़ टूट कर सड़क पर गिरा। गनीमत यह रही कि भूस्खलन से मॉल रोड के शोरूमज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

शिमला के खलीनी फॉरेस्ट कॉलोनी (Khalini Forest Colony) के पास भी भूस्खलन होने से झंझीड़ी से खलीनी सड़क बंद हो गई है। भारी बारिश की वजह से विजयनगर और कृष्णा नगर में कई घरों में दरारें आ गई हैं और कई घरों को एहतियातन खाली करवा दिया गया है। सुबह सुबह आईएसबीटी के पास पार्क एक निजी बस मलबे की चपेट में आ गई।
इसके अलावा शहर के ढली थाना के अंतर्गत ब्लदयाँ इलाके में बुधवार सुबह भूस्खलन की चपेट में आने से मजदूर दम्पति की मौत हो गई। दम्पति का शव मलबे से निकाला गया है। हादसा ब्लदयाँ के शोल गांव में सामने आया। मृतक दम्पति मजदूरी का काम करती थी। इनकी पहचान झालु ओरेण (28) और राज कुमारी (21) पत्नी झालु के रूप में हुई है। ये दोनों झारखंड के गुमला जिला के मूल निवासी थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये दम्पति शोल गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर ठेकेदार के पास मजदूरी का काम कर रहे थे कि अचानक भारी भूस्खलन की जद में आ गए। ढली पुलिस ने शवों को मलबे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी भेज दिया है।
शहर में हो रही भयंकर बारिश से पैदल रास्ते नालों में तब्दील हो गए हैं। कर्मचारियों और रोजमर्रा के काम करने वाले लोगों को भूस्खलन के खतरे के बीच अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। राहत की बात यह है कि जिला प्रशासन ने बारिश की आशंका को देखते हुए आज व कल सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखे हैं। मौसम विभाग के अनुसार शिमला में 13 सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
बहरहाल बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने से अगले तीन दिन व्यापक वर्षा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 23 व 24 अगस्त को भारी वर्षा का ओरेंज और 25 अगस्त को येलो अलर्ट (yellow alert) जारी किया गया है। ये अलर्ट शिमला, चम्बा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए जारी हुआ है। इन जिलों में अगले 24 घण्टों के दौरान बाढ़ आने की भी चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिन इन जिलों में भूस्खलन व पेड़ों के गिरने की आशंका जताई है और घरों से बाहर निकलते समय लोगों को सावधानी बरतने को कहा है। लोगों व सेलानियों से अपील की गई है कि वे भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के तटों की तरफ न जाएं। 29 अगस्त तक राज्य में मौसम खराब रहेगा।