शिमला, 20 अगस्त : राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC) में पिछले 2 माह से स्क्रब टाइफस (scrub typhus) के 87 मामले आए हैं। शनिवार को 28 लोगों के सैंपल लिए गए थे जिसमें से 18 लोग पॉजिटिव आए हैं। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वे कोटखाई, जुब्बल, रोहड़ू, ठियोग, धामी, सोलन, रामपुर, कमला नगर संजौली, सिरमौर, अर्की, चौपाल, करसोग से हैं।

बता दे कि आईजीएमसी (IGMC) में अब तक पिछले दो महीनों में स्क्रब टाइफस के 87 मामले आ चुके हैं। स्क्रब टाइफस के ज्यादातर मामले शिमला से आ रहे हैं। इस वायरस से प्रभावित होने वाले मामलों में हर उम्र के लोग है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक अभी तक 494 लोगों का सैंपल टैस्ट किया गया है। जिसमें 87 मामले संक्रमित आए है। स्क्रब टाइफस का समय रहते इलाज न होने पर यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। पिछले दिनों स्क्रब टाइफस से सोलन की रहने वाली एक महिला की मौत हो चुकी है।
मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
यह है बिमारी के लक्षण
स्क्रब टायफस तिकिटेशिया नामक पिस्सू के काटने से फैलता है। यह वायरस खेतों, झाडिय़ों, व घास पतवार में रहने वाले में पनपता है। इसके लक्षणों में बुखार आना, शरीर में अकड़न या शरीर टूटा-सा प्रतीत होता है। पिस्सू के काटने से शरीर में जलने जैसा एक निशान भी बन जाता है।
क्या है उपचार
रोकथाम के बारे में उन्होंने यह बताया कि खेतों में काम करते समय शरीर खासकर टांगे पावं व बाजू ढककर रखें। घर के आसपास घास, खरपतवार न उगने दें। लक्षण आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श ले। स्क्रब टाइफस एक गैर संक्रामक रोग है इसकी रोकथाम साफ सफाई से संभव है।
आईजीएमसी चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल प्रशासन इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्क्रब टाइफस इस मौसम में फैलता है और सितंबर माह तक इस बीमारी का पीक आता है। बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए।