नाहन, 18 अगस्त : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक दिवसीय प्रवास के दौरान बाढ़ व भूस्खलन प्रभावितों के दर्द पर मरहम लगाने का प्रयास किया। ट्रांसगिरि के अबौण से नाहन विकास खंड के कंडईवाला तक मुख्यमंत्री ने सैंकड़ों प्रभावितों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री नहीं थके।

सतौन इलाके के अबौण गांव की महिलाओं का दर्द सुनकर मुख्यमंत्री भी हैरान हो गए। तुरंत ही महिलाओं से पूछा, आपको कितना मुआवजा मिला है। जैसे ही ये जवाब मिला….10 हजार तो तुरंत ही सीएम ने मौके पर ही तहसीलदार को बुलाकर हरेक प्रभावित को 90-90 हजार की राशि शनिवार को बैंक खातों में ट्रांसफर करने के आदेश दे डाले।
महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष इस बात का खुलासा किया कि 1978 से घरों में मलबा आता है, लेकिन इस बार तो हद ही हो गई। 15 घरों के परिवार बेघर हैं। राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को साफ शब्दों में कहा कि आप मुआवजा बेशक ही न ट्रांसफर करें, हमें पुनर्वास के लिए जमीन चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
बता दें कि अंबोण में 22 परिवार प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि फसलों का भी उचित मुआवजा दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पुनर्वास के लिए व्यापक चर्चा के बाद एक नीति बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान एक खास बात ये भी रही कि पांवटा-शिलाई मार्ग पर कच्ची ढांक में पुल के निर्माण की घोषणा भी हुई।
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बता दें कि मामूली सी बारिश में भी यहां भूस्खलन के कारण राजमार्ग अवरुद्ध हो जाता है। सिरमौरी ताल में दो मासूम बच्चों सहित पांच को खोने वाले विनोद को मुख्यमंत्री ने मौके पर ही 20 लाख की आर्थिक सहायता का चैक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में पहुंचकर सिरमौरी ताल में बेघर 17 परिवारों से भी संवाद किया।

दोपहर बाद मुख्यमंत्री नाहन विधानसभा क्षेत्र के कंडईवाला पहुंचे। इस इलाके में बादल फटने के कारण लगभग डेढ़ किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित हुआ है। मौके पर ही मुख्यमंत्री ने कलवट व नालियां बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ में बहने से मृत्यु को प्राप्त इमरान व बिंद्रो देवी के परिजनों से मुलाकात की। परिवारों को पौने चार लाख रुपए प्रत्येक चैक भेंट किए।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सिरमौर में आपदा की वजह से 372 करोड़ का नुकसान हुआ है। 21 लोग काल का ग्रास बने, जबकि 22 घायल हुए हैं। 40 मकान मलबे में दबकर तबाह हो गए, जबकि 35 पशुधन की मौत भी हुई है। मुख्यमंत्री के साथ सिरमौर के कांग्रेसी नेताओं के अलावा तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।