शिमला, 17 अगस्त : प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थान कुफरी में स्टाफ की कमी के चलते रोगियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस स्वास्थ्य संस्थान में केवल एक चिकित्सक तैनात है, जिन्हें सप्ताह में दो दिन डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल ठियोग (Civil Hospital Theog) में ड्यूटी देनी पड़ रही है। पीएचसी (PHC) में एक पद डाॅक्टर, एक पद स्टाफ नर्स, (staff nurse) लैब तकनीशियन, एक्स-रे ऑपरेटर (x-ray operator) सहित अन्य पद रिक्त पड़े हैं, जिस कारण पीएचसी का ऑप्रेशन थियेटर (operation theater) और एक्स-रे मशीन (X-ray machine) धूल फांक रही है।

ग्राम पंचायत कुफरी के उप प्रधान शशांक अत्री ने जारी बयान में बताया कि कुफरी क्षेत्र की करीब पांच पंचायतों का केंद्र बिंदू होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है। जहां पर प्रतिदिन काफी संख्या में मरीज उपचार करने आते है। उन्होंने बताया कि पीएचसी (PHC) में स्टाॅफ पूरा न होने से अधिकतर मरीजों को इलाज करवाने के लिए आईजीएमसी (IGMC) अथवा रिपन अस्पताल जाना पड़ता है। स्वास्थ्य संस्थान के डॉक्टर को डेपुटेशन पर ठियोग अस्पताल भेजना तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि इस पीएचसी में केवल एक डॉक्टर तैनात है।
अत्री ने बताया कि एक्सरे ऑपरेटर न होने से एक्सरे मशीन (X-ray machine) काफी अरसे बंद पड़ी है। जिस कारण मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए शिमला जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पीएचसी में एक निजी कंपनी क्रसना डायग्नोस्टिकस (Krasna Diagnostics) को लैब टेस्ट (lab test) लेने के लिए अनुबंधित किया गया है। जिनके द्वारा केंद्र में केवल रक्त के नमूने लेकर शिमला भेजा जाता है जिसकी रिपोर्ट तीसरे दिन आती है।
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लैब रिपोर्ट आने में विलंब होने से मरीज का उपचार तीन दिन तक सही ढंग से शुरू नहीं हो पाता है। लैब तकनीशियन (lab technician) का पद भरने से मरीजों को प्रतिदिन रिपोर्टस मिल सकती है। केंद्र में इनडोर मरीजों के लिए सात बेड उपलब्ध है, परंतु इनडोर मरीजों के लिए भोजन इत्यादि की कोई व्यवस्था नहीं है।
उप प्रधान शशांक अत्री ने सरकार से मांग की है कि पीएचसी कुफरी में चिकित्सक, लैब तकनीशियन और एक्स रे ऑपरेटर के पद प्राथमिकता के आधार पर भरे जाएं, ताकि क्षेत्र के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिल सके। खंड चिकित्सा अधिकारी मशोबरा डाॅ. राकेश प्रताप ने बताया कि रिक्त पदों को भरने का मामला उच्चाधिकारियों के साथ उठाया गया है।