शिमला, 16 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में कुदरत नहीं मान रही, खौफ व डर का माहौल बरकरार है। ताजा जानकारी में जनपद की कोटखाई (Kotkhai) तहसील की देवगढ़ तहसील के बागी गांव में जमीन लगातार धंसती जा रही है।

कामाक्षा व नाग देवता के प्राचीन मंदिरों में भी दरारें आ चुकी हैं। गांव के प्रेम चंद शर्मा का मकान तो करीब-करीब क्षतिग्रस्त ही हो चुका है। 25 लाख तक के नुकसान का अनुमान है। नाराजगी इस बात को लेकर है कि प्रशासन की तरफ से केवल पटवारी ही मौके पर पहुंचा है। पटवारी को भेज कर खानापूर्ति करने का भी आरोप है।
ग्रामीणों का कहना है कि बड़ी विपदा से बचाव के लिए समीपवर्ती नाले में क्रेट लगाकर सुरक्षा दीवार बनाने की आवश्यकता है। फिलहाल प्रशासन से बात नहीं हो पाई है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा उपलब्ध करवाए गए वीडियो को अगर आधार माना जाए तो वास्तव में भी गांव खतरे में है। घरों मेें दरारें हैं, प्राचीन मंदिरों को भी खतरा बना हुआ है।
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बता दें कि इस इलाके में पहले भी भूस्खलन (landslide) की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि, मौसम साथ देने लगा है, लेकिन भूस्खलन की घटनाओं में कमी नहीं आ रही। राजधानी शिमला ने ही पिछले 72 घंटों में तीन भयंकर भूस्खलन की घटनाओं का सामना किया है। इसमें दो दर्जन के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।
कुल मिलाकर त्रासदी को टालने के लिए समय रहते ही ठोस उपाय कर लिए जाने चाहिए।