नाहन, 16 अगस्त : आखिरकार,कब तक कुमारहट्टी- नाहन-कालाअंब हाईवे शिमला की तरफ से आने वाले सेब (Apple) से लदे ट्रकों (trucks) व ट्रालों का बोझ सहन कर पाएगा। सवाल का जवाब, इस वजह से तलाश किया जा रहा है, क्योंकि नाहन- कालाअंब हाईवे (Nahan kalaamb Highway) गौशाला (Cowshed) के समीप करीब 15 मीटर हिस्सा धंस (Sinked) चुका है। ट्रैफिक को वन वे (One Way) कर दिया गया है।

सवाल उठता है कि समय रहते ही क्यों ठोस कदम नहीं उठा लिए जाते। हाईवे विंग की परेशानी ये भी है कि मंत्रालय की मंजूरी के बगैर मामूली मरम्मत भी नहीं की जा सकती है। ये अलग बात है कि राज्य सरकार (State Government) अपने स्तर पर बजट (budget) उपलब्ध करवा कर रिपेयर करवा ले। यदि, हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद हुआ तो सरकार को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। सेब की ढुलाई को वाया पावंटा साहिब से डाइवर्ट करना भी मुसीबत होगा।
पावंटा साहिब- यमुनानगर हाईवे भी सुपर नहीं है, इस पर पहले से ही औद्योगिक क्षेत्र पावंटा साहिब (Paonta Sahib) के ट्रैफिक (Traffic) का बोझ है साथ ही दूसरी तरफ उत्तराखंड (UtteraKhund) भी बारिश (Rain) की मार झेल रहा है। कालाअंब मार्ग अवरुद्ध होने की सूरत में “नाहन” को भी चंडीगढ़, अंबाला (Chandigarh & Ambala) व अन्य मैदानी कस्बों में पहुंचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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बता दें कि 13 अगस्त की शाम इसी जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर जल प्रलय आई थी। करीब 12 साल पहले सैनवाला से करीब आधा किलोमीटर आगे बादल फटने से हाईवे पर करीब तीन किलोमीटर तक मलबा फ़ैल गया, दलदल की वजह से इसे हटाने में भी खासी दिक्कतें हुई थी।

मंगलवार को सूबे के लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी क्षतिग्रस्त हाईवे (Damage Highway) से होते हुए ही बाढ़ (Flood) प्रभावित इलाके में गए थे। उधर, तकरीबन दो सप्ताह से नाहन की संकीर्ण सड़कें (Congested Road) भी ट्रैफिक का बोझ झेल रही है। बिरोजा फैक्ट्री से मोहल्ला गोविंदगढ़ तक हाईवे संवेदनशील है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार हाईवे (Highway) की कमियों (Shortfalls) को दूर करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाएगी। मौजूदा में दक्षिण हिमाचल (South Himachal) का ये हाईवे सबसे उपयोगी साबित हो रहा है।
उधर, नेशनल हाईवे विंग के अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) नरेंद्र वर्मा ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में कहा कि गौशाला के समीप 15 मीटर हिस्सा धंस गया है, एस्टीमेट भेज दिया गया है। एक सवाल के जवाब में अधिशासी अभियंता ने कहा कि रिपेयर के लिए करीब 25 लाख के बजट की आवश्यकता है।