मंडी, 13 अगस्त : पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण सुकेती खड्ड (Suketi Khad) ने भयंकर रूप धारण कर लिया है। सुकेती खड्ड में में आए जलसैलाब से बल्ह घाटी (Balh Valley) पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है। साथ ही चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे (Chandigarh Manali-NH) सहित कीरतपुर मनाली फोरलेन (Kiratpur Manali Fourlane) में भी जल भराव हो गया है। इस बाढ़ से क्षेत्र के 50 के करीब गांवों में जहाँ हर जगह पानी-पानी दिखाई दे रहा है। वहीं, क्षेत्र के दर्जनों स्कूल भी जलमग्न हो गए हैं।

सुकेती खड्ड के बहाव में मंडी नेरचौक हाईवे (Nerchowk Highway) के किनारे स्थापित विभिन्न इंडस्ट्रीज (Industries) भी जल मग्न हो गई है। यहां पर स्थापित ऑटोमोबाइल एजेंसियों (automobile agencies)में बाढ़ का पानी घुसने से गाड़ियों को नुक्सान के साथ कई गाड़ियां खड्ड में बह गई हैं। चक्र के पास सन 1986 से संचालित महालक्ष्मी आटा मील (Mahalaxmi Flour Meal) में जलभराव होने से वहां पर काम करने वाले एक दर्जन के करीब मजदूर फंस गए। जिन्हें बाद में रस्सी की मदद से अन्य मजदूरों द्वारा रेस्क्यू (rescue) किया गया।
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मील में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि आटा मील के साथ लगती बिल्डिंग की दीवार टूटने से मील में 8 से 10 फ़ीट पानी घुस गया। जिस कारण वह और उनके साथी मील में ही फंस गए। उन्होंने बताया कि कुछ साथी अभी भी उनके दूसरे प्लांट में ही फंसे हुए है। आटा मील के डायरेक्टर करुण ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ के बारे में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था, जिस कारण मील में कोई भी जानी नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि जब से यहां पर इंडस्ट्रीज स्थापित की गई है। पहली बार इतनी तबाही यहां पर देखने को मिली है। इस बाढ़ से आटा मील का करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है।
उधर, चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद होने के कारण बीती शाम से पूरी तरह से बंद है। हालांकि प्रशासन द्वारा छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है, लेकिन बड़े-बड़े वाहन अभी भी नेशनल हाईवे व फोरलेन पर फंसे हुए हैं। जिस कारण दोनों हाईवे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है।