शिमला, 28 जून : प्रदेश के स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए और बच्चों के प्रैक्टिकल ज्ञान को बढ़ाने के लिए लाइब्रेरी का होना जरूरी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले यह घोषणा की थी कि प्रदेश के हर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक लाइब्रेरी (Library) खोली जाएगी।

इस बजट घोषणा पर अमल करते हुए अब उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने सभी स्कूलों से 2 दिनों के भीतर जानकारी मांगी है। इसमें पूछा गया है कि किन-किन स्कूलों में लाइब्रेरी की जरूरत है और वहां पर कौन-कौन से उपकरण स्थापित किया जाना जरूरी है।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में करीब 2500 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें से कई स्कूलों में पहले से लाइब्रेरी रूम हैं, लेकिन नए अपग्रेड स्कूलों में यह सुविधा नहीं है। जिन स्कूलों में भवन का अभाव है, वहां भी इस तरह की दिक्कत है।
अब उच्च शिक्षा निदेशक ने दो तरह की जानकारी सभी स्कूलों को लेकर मांगी है। यह पूछा गया है कि ऐसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल कितने हैं, जहां लाइब्रेरी रूम में छात्रों के लिए बैठने की क्षमता 15 से ज्यादा है? साथ ही ऐसे स्कूलों की जानकारी भी मांगी गई है, जहां की लाइब्रेरी रूम या रीडिंग रूम में 15 से कम बच्चों के बैठने की जगह कितनी है।
समग्र शिक्षा विभाग में 7 शिक्षकों का डेपुटेशन रद्द… शिक्षा विभाग में डेपुटेशन पर डटे 7 शिक्षकों को अब स्कूलों में सेवाएं देनी होगी। समग्र शिक्षा विभाग की ओर से 7 शिक्षकों के डेपुटेशन आदेश रद्द कर दिए गए हैं। इस बारे में एसपीडी समग्र शिक्षा राजेश शर्मा की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं। काफी समय से समग्र शिक्षा विभाग में यह शिक्षक सेवाएं दे रहे थे। लेकिन अब इन्हें नए आदेशों के मुताबिक पुराने स्टेशनों में ही स्कूलों में अपनी सेवाएं देनी होगी।