ऊना, 15 जून : गगरेट पुलिस ने शिवबाड़ी के समीप लकड़ी से लदे 14 वाहनों को पकडऩे में सफलता हासिल की है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये वाहन हर दूसरे दिन लकड़ी लेकर पंजाब को जा रहे हैं। पुलिस ने वन अधिनियम (forest act), पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (Environment Protection Act), चोरी व जालसाजी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है।

जानकारी के मुताबिक वीरवार सुबह गगरेट पुलिस ने शिवबाड़ी के पास नाका लगाया हुआ था, तो जिला कांगड़ा व हमीरपुर के विभिन्न स्थानों से लकड़ी से लदी गाड़ियां पंजाब की तरफ आती दिखाई दीं। जब इन्हें रोककर पड़ताल की तो पाया कि कुछ गाड़ियों में जो लकड़ी लदी है, वह परमिट में दर्शाई गई लकड़ी से भिन्न है।
यही नहीं, बल्कि परमिट में लकड़ी की किस्म को बालण दर्शाया गया था, जबकि गाड़ियों में मोच्छे लदे थे। जिस पर पुलिस ने जब लकड़ी से लदे 14 वाहनों को जब्त कर पड़ताल शुरू की, तो पाया गया कि कांगड़ा के पालमपुर से लेकर देहरा, ज्वाला जी और हमीरपुर जिले तक की गाड़ियां लकड़ी लेकर पंजाब जा रही थीं।
मजेदार बात यह थी कि अधिकांश वाहनों के पास वन विभाग द्वारा जारी किए गए परमिट थे, जिस पर लकड़ी की किस्म बालण दर्शाया गया था। हालांकि नियमानुसार किसी भी वाहन में लकड़ी तभी लद सकती है, जब फारेस्ट गार्ड मौके पर मौजूद हो। पुलिस इस मामले में इस एंगल से भी काम कर रही है कि कहीं हिमाचल की वन संपदा को बड़े पैमाने पर कोई संगठित गिरोह तो पंजाब नहीं पहुंचा रहा है।
एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि यह मामला हिमाचली वन संपदा की तस्करी से जुड़ा हो सकता है। इसलिए इस मामले में एसआईटी (SIT) का गठन किया गया है। जिसके अन्वेषण अधिकारी एसएचओ गगरेट अशोक चौधरी होंगे और डीएसपी डॉ. वसुधा सूद इस मामले को मॉनिटर करेंगी। इतने बड़े पैमाने पर कटान कैसे हो रहा है, यह भी जांच का विषय है।