नाहन, 13 जून : “फ़िक्र करता है क्यों फ़िक्र से होता है क्या, कर ले यकीन खुद पर देख फिर होता है क्या। “लक्ष्य प्राप्ति के संसधनों से ज्यादा खुद पर यकीन, हौसला और कड़ी मेहनत का होना जरूरी है। सिमित संसाधनों (limited resources) में भी सफलता मिल सकती है। नाहन विधानसभा क्षेत्र की बनकला पंचायत के भूड़ गांव की दिव्या भाटिया ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। किसान पिता की बेटी ने सहायक प्रोफेसर (assistant professor) बनकर परिवार का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।

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दिव्या भाटिया ने राज्य लोक सेवा आयोग (HPPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा को उतीर्ण करके सहायक प्रोफेसर (राजनीतिक शास्त्र) बनने का सपना साकार किया है। बेटी की इस सफलता से मां फूला नहीं समा रही। साधारण परिवार से संबंध रखने वाली दिव्या के पिता अनिल कुमार किसान हैं, जबकि माता रूकमणी देवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। बेटी की सफलता से समूचे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। घर पर बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है।
दिव्या भाटिया ने स्कूली शिक्षा गांव के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बनकला से पूरी की। इसके बाद नाहन से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। प्रदेश विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र की मास्टर डिग्री लेने के बाद जून 2020 में नेट की परीक्षा पास की। अक्तूबर 2020 में सेट और दिसंबर 2020 में नेट व जीआरएफ की परीक्षा पास की। अब, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके दिव्या भाटिया ने सहायक प्रोफेसर बनने का सपना साकार किया है। दिव्या ने अपनी सफलता का श्रेय परिजनों, मित्रों व शिक्षकों को दिया है।