शिमला, 05 जून : राजधानी के साथ लगती पंचायतों में बीते कल भारी ओलावृष्टि के कारण किसानों की नकदी फसलें तबाह हो गई है। बता दें कि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मशोबरा ब्लॉक की चम्याणा, पटगैहर और मल्याणा सहित आसपास के इलाकों में ओले बरसने से गोभी, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च, टमाटर और खीरे की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। तीन बजे के बाद आसमान में काले बादल घिर आए व करीब 25 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि हुई। किसानों की आंखों के सामने खेतों में लगी फसल पर ओले कहर बनकर बरसे।
ओलावृष्टि से गोभी के पूरे पत्ते निकल गए। ओलों का आकार इतना बड़ा था कि फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। पटगैहर पंचायत के दीगठ गांव के किसान विजय वर्मा ने बताया कि 25 मिनट हुई ओलावृष्टि से पूरी फसल खत्म हो गई। गोभी की फसल पूरी तरह तैयार थी, किसानों ने अभी मंडियों में भेजी शुरू ही की थी। 18 से 20 रुपये किलो रेट मिल रहे थे, लेकिन रविवार को आए ओलों से फसल पूरी तरह खत्म हो गई। इनका कहना है कि अब तो खेतों में हल ही चलाना पड़ेगा। स्थानीय निवासी गुलाब सिंह, राम स्वरूप , दलीप कुमार, राज कुमार, सुरेश, जगदीश, सुनील, राकेश, पवन शर्मा और बाबू राम वर्मा ने बताया कि नगदी फसल के तौर पर लोग सब्जियों का उत्पादन करते हैं, लेकिन ओलों से फसल पूरी तरह खराब हो गई है।

चमियाणा के किसान अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले 15 दिन के भीतर तीसरी बार ओलावृष्टि हुई है। इससे पहले दो बार फ्रांसबीन सूखे की भेंट चढ़ गई। अब तीसरी बार खेतों में लगाई थी जोकि ओलों से खत्म हो गई है। खेत में फ्रांसबीन के पत्ते गायब हो गए हैं, बीज का पैसा भी नहीं निकल पाया है। चमयाणा के किसान रोशन लाल ठाकुर, राकेश ठाकुर और रविंद्र ठाकुर ने बताया कि ओलों से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मल्याणा पंचायत के किसान पिंकी कंवर, राजेंद्र सिंह, शिवा शर्मा और मदन लाल ठाकुर ने ओलों से फसल बर्बाद होने पर सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि भारी ओलावृष्टि से शिमला के साथ लगती पंचायतों में गोभी, शिमला मिर्च, फ्रांसबीन सहित अन्य बेमौसमी सब्जियों की फसल तबाह हो गई है। मुआवजे के नाम पर कांग्रेस और भाजपा की सरकार किसानों से मजाक करती आई हैं। 1500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा नाममात्र है, जोकि ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आपदा राहत नियमावली में संशोधन करके किसानों को हरियाणा की तर्ज पर तीन हजार रूपये बीघा मुआवजा दिया जाए, जबकि हिमाचल में अभी तक किसानों को तीन सौ रूपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा देने का प्रावधान है।