मंडी, 05 जून : मनरेगा के तहत बन रहे पुल का लेंटर डाला जा रहा था। लेंटर के लिए डाले जा रहे मलबे को ही पुल संभाल नहीं पाया, और धड़ाम से नीचे जा गिरा। इस पूरी घटना का वीडियो (Video) चार सेकेंड का सोशल मीडिया (Social Media) पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें सरकारी निर्माण को लेकर लोग जमकर तंज कस रहे हैं।
जांच करने पर पता चला कि यह मामला गोहर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बस्सी का है। इसकी पुष्टि बीडीओ गोहर गोपी चंद पाठक ने कर दी है। उन्होंने बताया कि टीम गठित करके मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अब अपने मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
हैरानी! बिना मस्टरोल जारी किए हो रहा था पुल का निर्माण कार्य
पांच लाख की लागत से बन रहे इस पुल का लेंटर डालते ही धराशायी हो गया। पुल का लेंटर टूटने से मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई, और मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। पंचायत प्रधान बस्सी सपना से जब घटना के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुल का कार्य निर्माणाधीन था, लेकिन इसके लिए पंचायत की ओर से कोई मस्ट्रोल ही जारी नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि पुल का निर्माण कार्य पंचायत का उप प्रधान अपने स्तर पर करवा रहा था।
पंचायत उपप्रधान को अनेक बार मोबाइल पर सम्पर्क करना चाहा लेकिन उसने फ़ोन नहीं उठाया। बहरहाल बीडीओ ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए है और जांच रिपोर्ट आने के बाद विभागीय कारवाई अमल में लाई जाएगी। इस घटना के पीछे कथित गोलमाल होने की आशंका जताई जा रही है।
उधर, वीडियो वायरल होने के बाद बस्सी पंचायत के उपप्रधान ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि पंचायत का मनरेगा बजट पुल निर्माण में खत्म हो गया था। पेंडिंग कार्य गांव के लोगों की सहयोग राशि से पूरा किया जा रहा है। रविवार रात को शरारती तत्वों ने लेंटर की बलियां खिसकाई जिससे यह हादसा हुआ है। निर्माण कार्य पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है।