नाहन, 01 जून : कंक्रीट बिछाने से पहले गटके का इस्तेमाल होता है। इसके बाद सीमेंट की परत बिछाई जाती है। यकीन मानिए, प्री मानसून में ही दिल्ली गेट से बड़ा चौक की तरफ जाने वाले मार्ग पर सीमेंट की परत पर एक गड्ढे ने घटिया सामग्री के इस्तेमाल का राज खोल दिया है।

दरअसल, हुआ यूं कि हिन्दू आश्रम के सामने बुधवार की बारिश के बाद एक बड़ा गड्ढा पड़ गया। इसके बाद सीमेंट की परत के नीचे इस्तेमाल किए गया मटीरियल नजर आने लगा। तस्वीर में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सीमेंट व बजरी बिछाने से पहले जहां रोडे या गटके का इस्तेमाल होना चाहिए था, वहां घरों से निकले मलबे के कट्टों को डंप किया गया है। ऐसे में मार्ग के कुछ समय ही टिकने की आशंका है। हालांकि, एक तर्क ये भी है कि मलबे से फर्क नहीं पड़ता, बल्कि सीमेंट का कम इस्तेमाल इसकी वजह हो सकता है।
दुकानदारों का कहना है कि गड्ढे से तो मुश्किलें पैदा हो ही गई हैं, लेकिन बाजार के मार्ग को बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता पर भी संदेह है। यदि नगर परिषद द्वारा निर्माण कार्यों में सही गुणवत्ता रखी जाए तो ऐसे हालात पैदा नहीं होंगे।
बता दें कि नगर परिषद द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले गुरुद्वारा साहिब से महिमा पुस्कालय तक तारकोल बिछाया गया था, लेकिन चंद सप्ताह में ही सड़क पर गड्ढे़ पड़ने शुरू हो गए थे। बताते हैं कि नगर परिषद ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई तो की थी, लेकिन ठेकेदार ने ये तर्क दिया था कि टैंडर में ही तारकोल की मोटाई को लेकर तकनीकी खामी थी। लिहाजा, सवाल ये उठता है कि क्या टैंडर जारी करने से पहले नगर परिषद द्वारा तकनीकी तौर पर हरेक पहलू को खंगाला जाता है या नहीं।