शिमला/सोलन, 30 मई : नेवले (mongoose) व सांप (Snake) की लड़ाई के किस्से अमूमन सुने जाते हैं। ये भी सामान्य बात हो सकती है कि गोह (monitor lizard) सांपों को निवाला बना लेती है। छिपकली की प्रजाति में शामिल ‘गोह’ द्वारा ‘हिमालयन ट्रिंकेट’ (Himalayan Trinket) प्रजाति के सांप के शिकार से जुड़ी तस्वीर सोलन के दाड़लाघाट इलाके से सामने आई है। विशेषज्ञ इसे खास भी मान रहे हैं, क्योंकि गोह सामान्य तौर पर हिमालयन ट्रिंकेट का शिकार नहीं करती।

बता दें कि जंगल में सबसे ताकतवर जीव टाइगर (Tiger) है। जबकि रेंगने वाले जीवों का राजा मॉनिटर लिजर्ड को माना गया है।
इलाके में सांपों के रेस्क्यू करने में एक्सपर्ट व आर्टिस्ट चेतन कश्यप को गोह व सांप के बीच की जंग की तस्वीर क्लिक करने का मौका मिला। चूंकि, चेतन भी वन्य जीवों से खासा लगाव रखते हैं, लिहाजा वो नेचर के बीच नहीं आना चाहते थे। चंद सैकेंड बाद वो वहां से निकल गए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को चेतन सांप को रेस्क्यू करने निकले थे। इसी दौरान दाड़लाघाट (Darlaghat) क्षेत्र में नाले के समीप गोह व सांप की गुत्थम-गुत्थी देखी।
दरअसल, मॉनिटर लिजार्ड (विशाल छिपकली) शैडयूल-1 की वन्य जीव (Schedule 1 ) है। एक्सपर्ट्स की मानें तो गोह हर साल सांप से हजारों लोगों की जान बचा लेती है। जहरीले सांप व उनके अंडों को खाकर गोह एक संतुलन भी बनाती है। विशेषज्ञों की मानें तो गोह के संरक्षण के लिए आम लोगों को भी सामने आना चाहिए। गोह न हो तो सांपों की संख्या बढ़ेगी, साथ ही स्नेक बाइटिंग के मामलों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
विशेषज्ञों की मानें तो गोह शांत जीव है। घरों में पाई जाने वाली छिपकली से इसका आकार काफी बड़ा होता है। व्यस्क गोह की लंबाई तीन फीट तक भी हो सकती है। सांप जैसे जीव होने के कारण गोह को जहरीला माना जाता है। ये भी धारणा है कि गोह का काटा पानी भी नहीं मांगता, लेकिन ये मिथ्या बिलकुल गलत है। इसके विपरीत गोह पर्यावरण में संतुलन बनाती है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत में चेतन कश्यप ने कहा कि उसने घटनाक्रम को लेकर एक्सपर्टस से जानकारी जुटाई है। इसके मुताबिक गोह अमूमन हिमालयन ट्रिंकेट सांप का शिकार नहीं करती है। ये कहना मुश्किल है कि ये दुर्लभ था या नहीं। उल्लेखनीय है कि हिमालयन ट्रिंकेट प्रजाति का सांप भी जहरीला नहीं होता।