शिमला, 30 मई : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में एमएस रामचंद्र राव ने राजभवन में मंगलवार को शपथ ली। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मुख्य न्यायाधीश को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर सहित कई नेता व अधिकारी मौजूद रहे।

बता दें कि न्यायमूर्ति राव का जन्म 7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद (Hyderabad) में हुआ था। 7 सितंबर, 1989 को एक वकील के रूप में उनका नामांकन हुआ था। 1991 बैच के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे रामचंद्र राव को अपने मास्टर्स कोर्स के लिए कैंब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट और कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और इनर टेंपल के स्कॉलरशिप ट्रस्ट से पेगासस स्कॉलरशिप से भी सम्मानित किया है।
उनके पिता न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव भी न्यायाधीश थे। शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति रामचंद्र राव ने कहा कि लोगों को जल्द व सस्ता न्याय मिले इसके लिए काम किया जाएगा। जो मामले लंबित पड़े हैं उनको जल्द निपटाने की दिशा में काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने मुख्य न्यायाधीश को बधाई दी व कहा कि उनके न्यायाधीश बनने से न्याय व्यवस्था को बल मिलेगा। हिमाचल के लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा होगा। न्यायमूर्ति राव को 29 जून, 2012 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) राज्य के विभाजन के बाद उन्होंने तेलंगाना (Telangana) को अपने मूल हाईकोर्ट के रूप में चुना। उन्हें 12 अक्तूबर, 2021 को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था, जहां वह अभी तक न्यायाधीश थे।