शिमला, 27 मई : हिमाचल प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों को मिलने वाले नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) को बंद करने का निर्णय लिया है, जिसको लेकर सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। डॉक्टरों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए आज से काले बिल्ले लगाकर अस्पतालों में सेवाएं दी।

विरोध को देखते हुए आज स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर की विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ सचिवालय में बैठक की। लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। अब 29 मई से डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे।हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार द्वारा डॉक्टर का एनपीए बंद करना तर्कसंगत नहीं है। सरकार के इस फैसले से डॉक्टर का मनोबल भी टूटा है।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री से एनपीए को बंद करने के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने सीएम से बातचीत पर पुनर्विचार करने आश्वासन दिया है, लेकिन जब तक सरकार इस फैसले को वापस लेने की अधिसूचना जारी नहीं करती है तब तक डॉक्टरों का विरोध जारी रहेगा।
वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि डॉक्टरों के साथ एनपीए मामले को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा हुई है। सरकार ने नए भर्ती हो रहे डॉक्टरों के एनपीए को बंद करने का फैसला लिया है, लेकिन डॉक्टर इसको लेकर आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। मामला सीएम और कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा और सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी। डॉक्टरों से हड़ताल पर न जाने का आह्वान किया गया है। ताकि किसी भी मरीज को परेशानी न हो।