नाहन, 26 मई : अक्सर ही मेधावी बच्चों को डॉक्टर-इंजीनियर या फिर प्रशासनिक अधिकारी (administration Officer) बनने की चाह रखते सुना होगा। लेकिन राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की दसवीं कक्षा में टॉपर बनी तान्या महिंद्रा ने हटकर सपना देखा है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 93.57 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली तान्या ने आर्टस संकाय में पढ़ाई करने का निर्णय लिया है। वो संस्कृत की स्कॉलर (scholar) बनना चाहती है।

किशोर अवस्था में बच्ची की सोच वास्तव में ही हैरान करने वाली भी है। प्रदीप व रमा महिंद्रा के घर एक जुलाई 2007 को जन्मीें तान्या बेशक ही 18 अंकों के अंतर से टॉप-10 में आने से रह गई हो, लेकिन कैरियर के चयन को लेकर वो समूचे विद्यालय में चर्चा का विषय बनी है। दिव्यांग पिता के सपनों को साकार करना चाहती है। तान्या का कहना है कि गणित व अंग्रेजी विषय में अंकों की कमी रह गई।
बता दें कि तान्या ने दसवीं कक्षा में भी संस्कृत को मेन विषय (main subject) के तौर पर चुना था। दसवीं में तान्या ने संस्कृत में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। शहर के वार्ड नंबर 7 की रहने वाली तान्या का छोटा भाई भी मेधावी है। सातवीं कक्षा में भाई ने 97 प्रतिशत अंक लिए हैं। पिता प्रदीप महिंद्रा ‘बिट्टू भाई’ ने भी सालों तक अस्पताल में निस्वार्थ निशुल्क सेवा प्रदान की। चंद साल पहले ही नियमित नौकरी में आए।