सराहां, 24 मई : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सराहां उपमंडल की सिरमौरी मंदिर पंचायत के नावल गांव के श्मशानघाट पर दिल पसीज देने वाला मंजर था। कॉलेज में पढ़ने वाली छोटी बहन साक्षी शर्मा व चचेरा भाई विकास 25 साल के फौजी ‘सचिन शर्मा’ को मुखाग्नि दे रहे थे। वहीं, हर कोई फौजी की डेढ़ माह की मासूम बेटी के बारे में बात करता नजर आ रहा था। बुधवार दोपहर 2 बजे अंतिम संस्कार हुआ। समूचा इलाका गमगीन था। शायद ही कोई घर ऐसा होगा, जहां चूल्हा जला हो। राजकीय सम्मान के साथ सचिन अनंत यात्रा पर निकल गया।

परिवार की मानें तो उपचाराधीन रहने के दौरान सचिन के कुल कई टैस्ट हुए। पत्नी की प्रसूति के बाद वो घर भी आया। बेटी को दुलार भी दिया। बता दें कि सचिन परिवार में कमाने वाला इकलौता बेटा था। बेटे के अचानक ही संसार से जाने के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। अंतिम संस्कार में भारतीय सेना की टुकड़ी, पुलिस जवानों व भूतपूर्व सैनिक एकता मंच ने सचिन को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि दी। परिवार व रिश्तेदारों के आंसू तो रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, बल्कि हर शख्स की आंख नम थी।
डेढ़ महीने की नन्हीं बच्ची ने पिता को खोया तो पत्नी नेहा शर्मा ने पति। मां कमलेश शर्मा का तो रो-रो कर बुरा हाल था। 20 फरवरी को पंजाब में ट्रेन में एक हादसे का शिकार हुए सचिन शर्मा करीब करीब जिंदगी की जंग जीत गया था, लेकिन दो दिन पहले क्या हुआ, ये कोई नहीं जानता। कमांड अस्पताल चंडी मंदिर में 22 मई की शाम अंतिम सांस ली।
फौजी के अंतिम संस्कार में पच्छाद के एसडीएम डॉ. संजीव कुमार धीमान, डीएसपी अरुण कुमार मोदी, तहसीलदार विपिन शर्मा व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह ही फौजी की पार्थिव देह को पैतृक गांव लाया गया था।