बिलासपुर, 19 मई : बिलासपुर जिला परिषद में सबसे कम उम्र में जिला परिषद के अध्यक्ष का ताज पहनने वाली मुस्कान और उपाध्यक्ष के खिलाफ जिला परिषद सदस्यों ने बगावत का बिगुल बजा दिया है। भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दो टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि वह तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे जब तक वह इन दोनों को बाहर का रास्ता नहीं दिखा देते।

वीरवार को भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने एक अविश्वास प्रस्ताव डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को सौंपा। वहीं उपायुक्त बिलासपुर ने सदस्यों को विश्वास दिलाया कि अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद आगामी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
जिला परिषद के ताज को लेकर अब कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर भी तय हो गई है, क्योंकि दोनों ओर से पांच-पांच सदस्यों ने इनके खिलाफ मोर्चा खोला है। अगर भाजपा अपने बागी पार्षदों को मना नहीं पाती है तो जिला पार्षद का ताज भाजपा के हाथों से निकल सकता है।
बता दें कि मुस्कान को देश की सबसे युवा जिला परिषद अध्यक्ष बनने का गौरव मिला है। राजनीतिक उठापटक के अंदेशे के चलते मुस्कान ने पहले ही राजनीति से किनारा करने का मन बना लिया था। इसी के चलते मुस्कान ने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन एक माह के भीतर इस्तीफा वापस भी ले लिया।
मुस्कान ने कहा था कि वह स्टडी पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा था कि सत्ता परिवर्तन के बाद उठापटक स्वाभाविक सी बात होती है। साथ थी जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर करीब पौने तीन साल के कार्यकाल को संतोषजनक बताया था।