मंडी, 18 मई : केंद्र सरकार की “श्री अन्न योजना” के तहत हिमाचल प्रदेश को पहली किश्त के रूप में साढ़े 6 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। इस धनराशि को श्री अन्न योजना के विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा।

यह जानकारी केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त निदेशक डॉ विक्रांत सिंह ने वीरवार को मंडी में इसी विषय पर आयोजित कार्यशाला के उपरांत दी। कार्यशाला में जिला भर से आए किसानों ने भाग लिया और श्री अन्न योजना के बारे में विस्तार से जाना। डॉ विक्रांत ने किसानों की समस्याओं को सुना और उनके शीघ्र समाधान का भरोसा भी दिलाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। श्री अन्न योजना को प्रदेश में सही ढंग से प्रचारित किया जा सके, इसके लिए प्रदेश भर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, किसान मेले और संगोष्ठियों सहित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डॉ विक्रांत ने बताया कि इस धनराशि को खर्च करते ही केंद्र सरकार से दूसरी किश्त जारी कर दी जाएगी। बैठक में एक जिला एक उत्पाद योजना को लेकर भी चर्चा की गई।
वहीं, कार्यशाला में मौजूद कृषि, उद्यान और बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और किसानों की समस्याओं से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। इस मौके पर उत्तरी क्षेत्र के कृषि अतिरिक्त निदेशक जीत सिंह और कृषि उपनिदेशक राजेश डोगरा सहित केंद्र व प्रदेश से आए अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
क्या है श्री अन्न योजना
बदलते वक्त के साथ भारत में मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कुट्टू, सामा, चीनी, रामदाना आदि की खपत कम होती चली गई है और गेहूं और चावल की खपत में इजाफा हुआ है। इस तरह के मोटे अनाज को श्री अन्न कहते हैं। केंद्र सरकार की श्री अन्न योजना से ऐसे ही मोटे अनाजों को नई पहचान दिलाने की मुहिम शुरू की गई है।