नाहन, 17 मई : हिमाचल प्रदेश के नाहन स्थित प्राचीन कालीस्थान मंदिर में संत समाज का सैलाब उमड़ा। इस मौके पर योगी किशोरी नाथ जी को 11वें राजगुरु की गद्दी सौंपी गई। कोविड काल के दौरान महंत राजगुरु योगी कृष्ण नाथ जी महाराज ब्रह्मलीन हो गए थे। 10वें राजगुरु की समाधि मंदिर प्रांगण में ही बनाई गई थी।
बता दें मंदिर के राजगुरुओं की समाधि परिसर में ही बनाई जाती है। ये परंपरा रियासत काल से जारी है। मंदिर में ‘‘नाथ बाबा’’ को ही गद्दी सौंपने की परंपरा है। दसवें राजगुरु की समाधि के बाद से योगी किशोरी नाथ जी मंदिर की व्यवस्था को देख रहे थे। धार्मिक अनुष्ठान में ब्रह्मलीन महंत राजगुरु योगी कृष्ण नाथ जी महाराज की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, शंखा ढाल भी की गई।
मूर्ति के अनावरण के साथ ही योगी किशोरी नाथ जी को गद्दी पर बिठाया गया। धार्मिक अनुष्ठान में विधायक अजय सोलंकी व हिमाचल भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल भी मौजूद थे। शाही परिवार के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि रियासत काल की परंपरा मौजूदा में भी कायम है।
बतौर मुख्यातिथि श्री सिद्ध बाबा मस्तनाथ मठ पीठाधीश्वर अस्थल बोहर, रोहतक व राजस्थान के अलवर से सांसद पीर योगी बालक नाथ जी महाराज पहुंचे थे। भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने कहा कि शहर के लिए आज एक बड़ा दिन है। देश के कोने-कोने से संत समाज मंदिर परिसर में पहुंचा है।
धार्मिक आयोजन में योगी महासभा हरिद्वार के महामंत्री महंत योगी चेताई नाथ जी के अलावा रायसन से पीर लहर नाथ जी, पेहवा से पीर शेरनाथ जी, उचाना से पीर राजनाथ जी, हीरोकलां से पीर पूरन नाथ जी, धनौरी से पीर हरिनाथ जी व सोंगल से पीर शेर नाथ जी भी पहुंचे थे।
धार्मिक अनुष्ठान रमतों की जमात 12 के महंत योगी कृष्णनाथ जी व रमतों की जमात 18 के महंत समुद्र नाथ जी के सानिध्य में हुआ। बता दें कि शंखा ढाल का आयोजन बीती रात 10 बजे से शुरू हुआ था। बुधवार को मूर्ति अनावरण व चादर की रस्म के बाद भंडारा व विदाई कार्यक्रम हुआ।