शिमला, 17 मई : हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को वनों में सूखे वृक्षों को चिन्हित करने की प्रक्रिया को दैनिक आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम (HP State Forest Corporation) के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पेड़ों को प्रतिदिन चिन्हित करने का कार्य वन मंडलाधिकारियों (Divisional Forest Officers) की निगरानी में किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह कार्य समय पर पूरा हो। कोताही बरतने पर राज्य सरकार द्वारा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वन मण्डलाधिकारियों को चिन्हित सूखे पेड़ोें की सूची तैयार कर 15 जून, 2023 तक हिमाचल प्रदेश राज्य वन निगम को भेजने के निर्देश दिए ताकि इन्हें समय पर काटा जा सके।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में मानक परिचालन प्रक्रिया (Standard operating procedure) तैयार करने के व इसे शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ों को काटने में देरी के कारण ये पेड़ जंगलों (Forests) में ही सड़ जाते हैं, इस कारण प्रदेश को प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ (One Thousand Crore) रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश दिए ताकि अवैध कटान (Illict Felling) पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने वन निगम के अधिकारियों की शक्तियों के युक्तिकरण करने के निर्देश दिए ताकि इमारती लकड़ी को वन निगम के नज़दीकी डिपो तक ले जाने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जा सके।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उत्पादकता में वृद्धि के लिए वन निगम (forest Corporation) के कर्मचारियों के युक्तिकरण (rationalization)
तथा आधुनिक तकनीक के उपयोग (Use) के निर्देश भी दिए। उन्होंने इमारती लकड़ी ( Fue lWood) के प्रभावाशाली विपणन (Marketing) पर बल दिया इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को आज की बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा के लिए 8 जून को वन निगम की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे पेड़ों के कटान के लिए ठेकेदारों (Contractors) को सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि सूखे पेड़ों (Dry Trees) को समय रहते वन भूमि से हटाया जा सके और प्रदेश के राजस्व में वृद्धि हो सके।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्य अरण्यपाल वन राजीव कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।