हमीरपुर, 15 मई : हमीरपुर से मंडी बन रहे नेशनल हाईवे नंबर तीन पर टौणी देवी के नजदीक बारीं मंदिर में निर्माण कंपनी और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया है। विवाद का कारण निर्माण कंपनी द्वारा गांव के मुख्य रास्ते को बंद कर 15 फीट ऊंचे डंगे के लिए खुदाई का कार्य ग्रामीणों को विश्वास में न लेकर शुरू करना रहा। करीब 400 लोगों का रास्ता बंद होने के संशय को लेकर लोग मौके पर पहुंचे। प्रताप चंद, रोशन लाल, हरबंस सिंह, राज कुमार, पूर्व प्रधान देश राज चौहान इत्यादि ने निर्माण कंपनी को बेतरतीब कटाई करने पर एतराज जताया।

ग्रामीणों ने आशंका जाहिर की कि एनएच निर्माण कंपनी उनके लिए सदियों पुराने बने रास्ते को डंगा लगाकर बंद कर रही है। अब रास्ता कहां से और कैसा होगा इस बारे कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही है। ग्रामीण प्रताप चंद ने बताया कि सारा मलबा उनकी मलकीयत में फेंक कर लोगों का आम रास्ता बंद कर दिया गया है।
उधर, बारी पंचायत के पूर्व प्रधान देशराज भी मौके पर पहुंचे और रास्ते की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक जमीन का मुआवजा नहीं मिल जाता जेसीबी नहीं चलने दी जाएगी। देशराज के अनुसार उन्हें अपनी ही जमीन का मुआवजा नहीं मिला है और वह लोगों की हकों की लड़ाई लड़ेंगे।
मौके पर मौजूद कंपनी के सुपरवाइजर श्रीकांत ने लोगों का विरोध देखते हुए निर्माण कंपनी के उच्च अधिकारियों से बात की। उच्च अधिकारियों ने उस जमीन पर जेसीबी न चलाने की हिदायत दी जहां अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। वहीं साइट इंजीनियर सुशील कुमार ने बताया कि लोगों को गांव के रास्ते बनाकर दिए जायेंगे। ग्रामीणों को रास्तों को लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
अपने ही विधानसभा क्षेत्र में एनएच निर्माण कार्य से प्रभावित हो रहे लोगों को आ रही दिक्कतों को लेकर विधायक राजेंद्र राणा ने भी एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि आजकल एनएच 03 हमीरपुर से मंडी राजमार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। जिससे लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि हालांकि आए दिन अखबारों में निर्माण कंपनी द्वारा की जा रही मनमर्जी की खबरें प्रकाशित हो रही हैं। किसी जगह मंदिरों को तोड़ने, सर्वे से बाहर मलकियत भूमि पर अधिक खुदाई करने और किसी जगह लोगों को उनके मलकियत भूमि का मुआवजा भी नहीं मिला और निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसी शिकायतें लोगों की हर दिन आ रही हैं, परंतु केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे चुप्पी साधी हुई है।
टौणी देवी कस्बे से बाईपास का निर्माण हो सकता था। जिससे कस्बे में चल रहे दुकाने बच सकती थी। उन्होंने कहा कि करीब एक वर्ष पहले ही दुकानें तुड़वाई जा चुकी हैं, लेकिन निर्माण कार्य कछुआ चाल चला हुआ है।