नाहन, 12 मई : शेरजंग नेशनल पार्क (Sherjung National Park) की बहराल बीट में वीरवार सुबह आग भड़क गई। इस कारण वन्यप्राणियों का जीवन खतरे में पड़ गया। लेकिन वाइल्ड लाइफ (wild life) के कर्मियों के साहस की वजह से तकरीबन 6-7 घंटे में आग पर काबू पा लिया गया।

दरअसल, आग लगने की घटना को सामान्य नहीं माना जा रहा। मंगलवार-बुधवार रात वाइल्ड लाइफ की टीम ने दो हथियारबंद शिकारियों (hunters) को बहराल बीट में ही काबू किया था। चूंकि इस साल तापमान सामान्य से काफी कम रहा, लिहाजा जंगलों में आग की घटनाएं भी न के बराबर ही रिपोर्ट हुई। संशय इस बात पर जाहिर किया जा रहा है कि शिकारियों को हिरासत में लेने पर नाराजगी जाहिर करने के लिए बहराल बीट में ही जानबूझ कर आग लगा दी गई।

हैरान करने वाली बात ये भी है कि इलाके के लोग इस बात को नहीं समझ पा रहे कि दुर्लभ वन्य प्राणियों (rare wildlife) की मौजूदगी के कारण हाल ही के महीनों में घाटी वाइल्ड लाइफ के राष्ट्रीय मानचित्र (National Map) पर भी चमकी है। गौरतलब है कि वाइल्ड लाइफ की टीम ने गश्त के दौरान अंधेरे में लाइट देखी। मौके पर पहुंची टीम ने पाया कि दो व्यक्ति शिकार के लिए बैठे हुए थे। कब्जे से बारूद से भरी बंदूक भी बरामद की गई।
शिकारियों की पहचान काकू राम व राजू के तौर पर की गई। आपको बता दें कि ये वही इलाका है, जहां हिमाचल प्रदेश में टाइगर (Tiger) भी स्पाॅट हो रहा है। ये बात आम लोगों को समझनी चाहिए कि वाइल्ड लाइफ ने एक अलग पहचान बनाई हैै। वाइल्ड लाइफ विभाग इस बात पर भी विचार कर रहा है कि बहराल बीट में आग लगने की घटना से जुड़ा मामला पुलिस में दर्ज करवाया जाए। इसके बाद पुलिस शिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में शिमला डिवीजन (वाइल्ड लाइफ) के डीएफओ (DFO) रवि शंकर ने साफ तौर पर कहा कि इस बात का शक है कि शिकारियों को गिरफ्तार करने का प्रतिकार (retaliate) किया गया है। डीएफओ ने कहा कि फिलहाल सबूत तो नहीं हैं, लेकिन बहराल बीट में ही आग की घटना संशय अवश्य ही पैदा कर रही है। डीएफओ ने इलाके के लोगों से वन्यप्राणियों का शिकार न करने का आग्रह करते हुए कहा कि वन्यजीव प्रदेश की खूबसूरती को बढ़ाते हैं।