बिलासपुर, 12 मई : घुमारवीं उपमंडल के तहत कंदरौर ब्रिज के समीप गोविंद सागर झील के किनारे चल रही सिंचाई योजना के कार्य में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। डंपिंग के दौरान धड़ल्ले से पहाड़ी की मिट्टी को गोविंद सागर झील में फेंका जा रहा है।

गौरतलब है कि जल शक्ति विभाग घुमारवीं की ओर से एक चंडीगढ़ की कंपनी को सिंचाई योजना निर्माण कार्य सौंपा गया है। ताकि गोविंद सागर झील के पानी को उठाकर सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके। निर्माण कार्य के दौरान कंपनी द्वारा लगाई गई जेसीबी पहाड़ी की मिट्टी को झील में ही डंप करने का काम कर रहे हैं, जिससे झील का अस्तित्व खतरे में आ गया है।
वहीं, सिंचाई योजना निर्माण कार्य कंपनी के सदस्य से जब इस बारे में पूछा गया तो वह गोलमोल जवाब देते हुए झील में फेंकी जा रही मिट्टी को बाद में उठाने का बहाना बनाया। वहीं मात्स्यिकी निदेशालय प्रदेश के निदेशक सतपाल मेहता का कहना है कि गोविंद सागर झील में लगातार मछली उत्पादन में कमी आने की मुख्य वजहों में डंपिंग भी है, जिससे मछलियों की ब्रीडिंग व फीडिंग पर सीधा असर पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने इस मामले के संबंध में जल शक्ति विभाग से पत्राचार के जरिये बात कर उचित कार्रवाई अमल में लाने की बात कही है।