नाहन, 6 मई : शनिवार शाम पौने 7 बजे के करीब ट्रांसगिरि का 26 वर्षीय लाल ‘प्रमोद नेगी’ (Shaheed Pramod Negi) मां भारती की गोद में समा गया। आजादी के दिन 15 अगस्त 1997 को जन्में शहीद प्रमोद नेगी की पार्थिव देह को सेना की यूनिफार्म में छोटे भाई नितेश ने मुखाग्नि दी।
शहीद प्रमोद नेगी अविवाहित था। सेहरा पहनने की उम्र में तिरंगे से लिपट गया। बेटा शहीद हो गया, लेकिन माता-पिता ने बेटे के शहीद होने के बाद भी अपना फर्ज निभाया। बेटे को नोटों की माला पहनकर दूल्हे की तरह विदा किया। हर आंखें उस समय नम थी, जब बहन ने मां भारती की गोद में हमेशा के लिए सो चुके भाई को राखी पहनाई, ताकि भाई की कलाई कभी सुनी न रहे। यह मंजर हर किसी को गमगीन कर देने वाला था। पल भर के लिए पूरी भीड़ में पूर्ण नीरवता छा गया। हर किसी की आंखों से अश्रुओं की धारा बरबस ही बह रही थी। शहीद के माता-पिता ने रोते-बिलखते जवान बेटे को दूल्हे की तरह विदा किया। सेना के वर्दी में पहुंचे छोटे भाई ने पहले सलामी देकर फौजी का फर्ज निभाया, इसके बाद मुखाग्नि देकर छोटे भाई होने का फर्ज भी अदा किया।

शनिवार को जैसे ही घर से प्रमोद अनंत यात्रा के लिए निकला तो सड़कों के किनारे स्कूली छात्रों ने हाथों में तिरंगा लेकर शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत की। पहाड़ों पर बैठे सैंकड़ों ग्रामीण केवल और केवल शहीद की वीरता की गाथा पर चर्चा करते नजर आए।
मां कहती थी, ‘बेटा मामा की तरह बन जाओ टीचर…वो देश रक्षा में बांधना चाहता था सिर पर कफन
राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान हजारों के जनसैलाब की आंखों से बरबस आंसू बह रहे थे। तिरंगे में लिपटा ट्रांसगिरि (Transgiri) का लाल शाम करीब 5 बजे घर आया था। तकरीबन 18 घंटे से माता-पिता ने शहीद बेटे की इंतजार में पलक भी नहीं झपकी थी। भोले भाले माता-पिता घर पर उमड़ रहे जनसैलाब को देखकर ये समझ रहे थे कि बेटा एक वीरता की इबारत लिख गया है।

पैराट्रूपर प्रमोद नेगी (Paratrooper Pramod Negi) का छोटा भाई नितेश भी इत्तफकान राजौरी (Rajouri) में ही मौजूद था। शुक्रवार से ही भाई की पार्थिव देह से लिपट-लिपटकर रो रहे नितेश को बखूबी पता है कि खतरनाक से भी खतरनाक ऑपरेशन पर जाने के लिए प्रमोद हमेशा तैयार रहता था। हवाई मार्ग से शहीद प्रमोद की पार्थिव देह को उत्तराखंड के गरसेन के शहीद रूचिन सिंह रावत के साथ शनिवार दोपहर के वक्त देहरादून पहुंची थी। उत्तराखंड की राजधानी में पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री ने वीर सपूतों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
शहीद प्रमोद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सूबे के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शनिवार के कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। वो सीधे ही शहीद के घर पहुंचे। उद्योग मंत्री ने शहीद प्रमोद नेगी को पुष्प चक्र भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

शहीद के सम्मान में शिलाई बाजार भी बंद रखा गया। पुलिस व सेना की टुकड़ियों ने शहीद को गार्ड ऑफ़ ऑनर (guard of honor) भी दिया। शहीद की शहादत पर समूचे ट्रांसगिरि में शोक की लहर तो है, लेकिन इलाके के लाखों ग्रामीणों का सीना फक्र से भी चौड़ा हो गया है। समूची शिलाई घाटी ‘प्रमोद नेगी अमर रहे’ के नारों से गूंज उठी।
#WATCH || शिलाई के साहसी वीर बेटे प्रमोद नेगी ने चुना शहादत का चोला, मां बनाना चाहती थी टीचर…
शहीद के चाचा कपिल नेगी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को रोते-रोते बताया कि वो बचपन से ही निडर था….हम एक साथ ही पले बढ़े। बचपन से ही सेना में जाने की जिद करता था। घर पर भी हमेशा ही निडरता दिखाता था। हमेशा कहा करता था कि उसे तो देश के काम आना है। पांवटा साहिब के डीएसपी मानविंदर ठाकुर ने भी शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।