ऊना, 4 मई : जिला परिषद वार्ड सीट भंजाल में हुए उपचुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी सुशील कालिया ने 2670 मतों से चुनाव जीत कर विजय रहे। उप चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पडा है। उप चुनाव में कांग्रेस अपनी लोकप्रियता को उस समय भी बचा नहीं पायी जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन है। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी दलविन्द्र सिंह की हार होने से गगरेट कांग्रेस को करारा झटका लगा है।
उप चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी सुशील कालिया व कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी दलविन्द्र सिंह के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें सुशील कालिया चुनाव जीत गए। सुशील कालिया को 6714, जबकि दलविन्द्र सिंह को 4044 मत हासिल हुए। मतगणना के अंतर्गत 6 राउंड हुए। पहले राउंड में सुशील कालिया को 190 व दलविन्द्र सिंह को 111 मत, दूसरे राउंड में 1587 व 734 मत , तीसरे राउंड में 1467 व 895, चौथे राउंड में 1531 व 820, 5वें राउंड में 1276 व 1085 जबकि 6वें राउंड में 663 व 399 मत हासिल हुए। जबकि नोटा के पक्ष में 39 और 203 मत रद्द हुए।

चुनाव अधिकारी एंव उप मंडलाधिकारी गगरेट सौमिल गौतम ने बताया की मतगणना के मुताबिक सुशील कालिया को 6714 जबकि दलविन्द्र सिंह को 4044 मत हासिल हुए। वर्ष 2020 में भंजाल लोअर जिला परिषद् वार्ड न 17 से वर्तमान विधायक चैतन्य शर्मा ने प्रदेश भर में सबसे बड़ी प्रचंड जीत दर्ज कर खूब सुर्खियाँ बटोरी थी। जिसके उपरांत विस चुनावों से पूर्व आजाद पार्षद चैतन्य शर्मा कांग्रेस में शामिल हो कर गगरेट से विधायक बने।
गगरेट भाजपा ने तमाम विरोधाभास के बावजूद एकजुटता से चुनाव लडा। भाजपा ने पार्षद और विधायक के तौर पर की गई दर्जनों घोषणाओं के मुद्दे को चुनावों में खूब उछाला। चार महीने से विधायक की गगरेट क्षेत्र से बनी लगातार दूरियां भी हार की मुख्य वजह रही। ब्लाक कांग्रेस गगरेट के अध्यक्ष सुरेन्द्र कंवर ने कहा की यह उप चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं हुआ है। बारिश, फसल कटाई और कम मतदान से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को नुकसान हुआ है।
पूर्व विधायक राजेश ठाकुर ने कहा की इस चुनाव परिणाम में धनशक्ति पर जनशक्ति की विजय हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के झूठे वायदों और घोषणाओं से आहत होकर भंजाल वार्ड की जनता ने स्पष्ट जनादेश भाजपा को देकर साबित कर दिया की अब जनता कांग्रेस के झूठे बहकावे में आने वाली नहीं है।