नाहन, 2 मई : खून की बूंदों की कमी की वजह से अनमोल जीवन नहीं जाना चाहिए। इस मूल मंत्र के 7 युवाओं की टोली ने “ड्रॉप ऑफ होप” (Drop of hope) के बैनर का गठन किया। इसके सूत्रधार ईशान राव बने। अप्रैल महीने में “ड्रॉप ऑफ होप” के सदस्यों ने 51 यूनिट रक्तदान किया है।

खास बात यह है कि समूह की सीमा केवल शहर तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आईजीएमसी (IGMC), पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) व मेडिकल कॉलेज 32 सेक्टर तक भी रक्तदाता एक कॉल पर ब्लड डोनेट करने पहुंच जाते हैं। धीरे-धीरे युवाओं की टोली में रक्त दाताओं का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
खास बात यह है कि समूह में रक्तदान के लिए न केवल युवक-युवतियां बल्कि महिलाएं भी जुड़ गई हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि रक्तदान को सबसे बड़ा दान माना गया है। बगैर सरकारी मदद के युवाओं की टोली अमीर व गरीब के लिए नवजीवन का माध्यम बन रहे हैं। एक अरसे से “ड्रॉप ऑफ होप” द्वारा मेडिकल कॉलेज में ब्लड सेपरेटर लगाने की मुहिम भी चलाई जा रही है, ताकि ब्लड के कंपोनेंट अलग-अलग किए जा सकें। मरीज की डिमांड के मुताबिक उसे कंपोनेंट दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में केवल ब्लड चढ़ाने की सुविधा ही है, जबकि मरीजों के एक तबके को ब्लड के अन्य कंपोनेंट की भी आवश्यकता होती है। समूह के संस्थापक ईशान राव ने कहा कि ब्लड सेपरेटर के लिए हाल ही में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी नाहन प्रवास के दौरान ज्ञापन सौंपा गया था। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जल्द सरकार इस दिशा में उचित कदम उठाएगी।