सुंदरनगर, 29 अप्रैल : प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद सुंदरनगर में पिछले लंबे समय से अव्यवस्था का आलम है। 1 मई से नगर परिषद क्षेत्र की 45 हजार की जनसंख्या का जिम्मा सिर्फ चार कर्मचारियों के हवाले होगा। 31 मई को एक और कर्मचारी की सेवानिवृति के बाद यह संख्या चार रह जाएगी।
नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष सहित करीब 90 प्रतिशत कर्मचारियों के पद रिक्त होने से नगर परिषद का कार्य करना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोगों को भी अपने कार्य करवाने के लिए परेशानियों से जूझना होगा।

पिछले चार माह से कार्यकारी अधिकारी का पद रिक्त चल रहा है। पद रिक्त होने के बाद से इसका कार्यभार एसडीएम सुंदरनगर देख रहे है। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह पद पूरी तरह से खाली हो गया है। ऐसे में नगर परिषद के माध्यम से होने वाले विकास कार्य भी अब लटक गए हैं।
नगर परिषद में इस समय ड्राफ्ट्समैन, अकाउंटेंट, कनिष्ठ अभियंता और एक क्लर्क सहित एक अन्य कर्मचारी कार्यरत है। इनमें से सुपरवाइजर राजेंद्र सेन 31 मई को सेवानिवृत हो जाएंगे। जिसके बाद नप में मात्र चार स्थाई कर्मचारी ही शेष रह जाएंगे। नगर परिषद में कुल 96 पदों में से 55 पद रिक्त पड़े हुए हैं। कई पद पिछले लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
मामले को लेकर नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इन पदों को भरना चाहिए। उन्होंने कहा कि पद रिक्त होने से नगर परिषद को कार्य करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह 55 पद हैं रिक्त
नगर परिषद में वर्तमान कार्यकारी अधिकारी सहित सीनियर असिस्टेंट के 2, जूनियर इंजीनियर, सेनेटरी इंस्पेक्टर, क्लर्क, कम्युनिटी आर्गेनाइजर, फीटर, लाइब्रेरी अटेंडेंट, कैटल पाउंड अटेंडेंट, चौकीदार व चालक के दो, मिस्त्री के 4, माली के 2, चौकीदार के 20 और बेलदार के 18 पदों सहित कुल 55 पद रिक्त चल रहे हैं।