ऊना, 29 अप्रैल : अरब के देश सूडान (Sudan) में गृह युद्ध की आग में जहां हर तरफ तबाही मची है, वहीं इन परिस्थितियों के बीच वहां फंसे भारतीयों (Indians) को सकुशल भारत लाने के लिए केंद्र सरकार (Central government) द्वारा “ऑपरेशन कावेरी” (Operation Kaveri) शुरू किया गया है। ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों के पहले दल में सैंकड़ों लोगों को वहां से निकाल कर वतन वापसी सुनिश्चित की गई। इन्हीं सैंकड़ो भारतीयों में से एक जिला ऊना के उपमंडल के तहत पड़ते लोअर अंदोरा के रहने वाले 25 वर्षीय रोहित शर्मा भी शामिल हैं।

दिसंबर 2019 में रोजगार की चाहत लेकर सूडान गए रोहित शर्मा का कहना है कि सूडान में हालात बेहद बेकाबू हो चुके हैं। सेना (Army) और पैरामिलिट्री (paramilitary) आपस में जंग छेड़ चुके हैं। यहां तक कि अब स्थानीय नागरिक भी लूटपाट पर उतारू हो चुके हैं। जिसके चलते विदेशी लोगों का वहां रहना खतरे से खाली नहीं है। रोहित बताते हैं कि गृहयुद्ध की परिस्थितियों के बीच सूडान का एयरस्पेस (airspace) पूरी तरह बंद हो चुका है।
हालत यह है कि वहां से विदेशी नागरिकों को बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता समुद्र (Sea) से होकर ही जाता है। रोहित बताते हैं कि उन्हें सूडान में अपनी जगह से समुद्र तट तक पहुंचने में करीब 850 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। जिसके बाद समुद्र के रास्ते उन्हें जेद्दाह पहुंचाया गया।
यहीं से उन्हें विमान के जरिए सकुशल भारत लाया गया है। रोहित ने बताया कि 15 दिन उन्होंने कमरे में बंद रहकर ही गुजारे। यह 15 दिन उनके लिए काफी मुश्किल भरे थे, जिसमें हर समय उनकी जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा था।
दूसरी तरफ बेटे की सकुशल घर वापसी के बाद रोहित के पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि मोदी (PM Modi) है तो मुमकिन है। उन्होंने केंद्र सरकार के सूडान में फंसे भारतीयों को सकुशल वापस लाने के लिए शुरू किए गए “ऑपरेशन कावेरी” के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र सरकार पर पूर्ण विश्वास था कि वह उनके लाडले को सकुशल घर वापस लेकर आएगी। केंद्र सरकार ने न सिर्फ उनके बेटे अपितु अन्य भारतीयों को भी सकुशल सूडान की विकट परिस्थितियों से बाहर निकाला है।