शिमला, 27 अप्रैल : राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में वीरवार सुबह आग लगने से भारी नुकसान हुआ है। आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मियों की मुस्तेदी और दमकल कर्मचारियों की बदौलत से इस अस्पताल में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। डॉक्टरों के पांच कमरे, कैंटीन, हाल, किचन व स्टोर आग की भेंट चढ़ गए। आग का तांडव इतना था कि ओपीडी भवन की लिफ्टों को भी क्षति पहुंची। आईजीएमसी प्रशासन ने लापरवाही बरतने पर कैंटीन संचालक के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है।
अग्निकांड की घटना वीरवार सुबह आईजीएमसी के नवनिर्मित ओपीडी भवन में पेश आई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुछ दिन पहले ही इस भवन का उद्घाटन किया था। आईजीएमसी की नई भवन की प्रथम मंजिल में आग भड़की। इसी मंजिल पर डॉक्टरों के बैठने के कमरे बने हैं। जबकि निचली मंजिल पर ओपीडी है। टॉप फ्लोर पर स्थित कैफेटेरिया (कैंटीन) में सिलेंडर फटने की वजह से आग ने विकराल रूप धारण किया।
आग लगने से ओपीडी भवन में घुएँ का गुब्बार उठा, जिससे अस्पताल परिसर में भगदड़ मच गई। अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा सम्भाल रहे सिक्युरिटी गार्डों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर ओपीडी बिल्डिंग से डॉक्टरों, अस्पताल कर्मचारियों, मरीजों व अन्य लोगो को आनन-फानन में सुरक्षित बाहर निकाला गया। शहर के सभी अग्निशमन केंद्रों से दमकल वाहन आग बुझाने में डटे। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। अग्निकांड में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
अग्निशमन केंद्र मॉल रोड से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकल वाहनों मौके पर भेज दिए गए। माल रोड स्थित फायर स्टेशन ऑफिसर मंशा राम ने बताया कि अग्निकांड में ओपीडी भवन की टॉप फ्लोर पर स्थित कैंटीन समेत छह कमरे क्षतिग्रस्त हुए हैं। कैंटीन की रसोई घर के दो सिलेंडर ब्लास्ट हुए हैं। उन्होंने कहा कि छह अधिकारियों समेत 30 कर्मचारियों ने आग बुझाने में सहयोग किया है। चार अग्निशमन वाहन मौके पर बुलाए गए। इस घटना में लाखों की संपति खाक हुई है, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राहुल राव ने बताया कि आग से डॉक्टरों के पांच कमरों, ओपीडी भवन की कैंटीन, हाल, किचन, स्टोर को क्षति पहुंची है। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। कैंटीन संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। सभी ओपीडी को पुराने ओपीडी भवन में शिफ्ट किया गया है। यह व्यवस्था हादसाग्रस्त ओपीडी भवन के मरम्मत होने तक रहेगी।
उधर, स्वास्थ्य मंत्री और सीपीएस संजय अवस्थी ने भी अग्निकांड के जांच के आदेश दिए है। उन्होंने इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक को निर्धारित समय अवधि के भीतर जांच पूर्ण कर रिर्पोट सरकार को भेजने के निर्देश भी दिए।