रिकांगपिओ, 26 अप्रैल : किन्नौऱ महाबोधि सोसायटी, छोसखोरलिंङ बौद्ध सेवा संघ रिकांगपिओ व हंगरंग बौद्ध सभा नाको व पलपुंग थारलाम छोएगोन चांगो के संयुक्त तत्वावधान में बौद्ध अनुयायियों सहित ग्रामीणों ने बौद्ध धर्म गुरु पावन दलाई लामा के समर्थन में रिकांगपिओ में एक विशाल शांति रैली निकाली। इस रैली में जिला भर से आए बौद्ध अनुयायियों, लामा, जोमो सहित महिलाओं व पुरुषों ने भाग लिया।

रैली को संबोधित करते हुए रोशन नेगी, भगत सिंह किन्नर सहित वक्ताओं ने कहा कि विश्व से दुख, दर्द, नफरत, हिंसा अज्ञानता को दूर करने के लिए प्रेम, करूणा, शान्ति, सद्भाव, सहिष्णुता, शुचिता एवं सर्वधर्म सम्मान के प्रकाश फैलाने वाले परम पावन को कुप्रायोजित कुदृष्टिपूर्वक दुष्प्रचार से किन्नौर सहित सम्पूर्ण पश्चिमोत्तर सीमान्त हिमालयीय बौद्ध समाज गंभीर आहत एवं दुखी हैं। उन्होंने कहा कि परम पावन दलाई लामा भारत सरकार के राजकीय सम्मानित अतिथि तो हैं ही, साथ ही विश्व शांति के अग्रदूत, विश्व शांति के नोबेल पुरस्कार से अलंकृत एक स्वच्छ छवि के एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धर्मगुरू भी हैं।
दलाई लामा विश्व में घूम घूम कर बुद्ध के अहिंसा व करुणा के सन्देश को तो जन जन तक पहुंचा ही रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत की पावन भूमि से भी विश्व को परिचित करा रहे हैं, जिससे विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि किन्नौर के प्रति तो दलाई लामा जी का विशेष स्नेह है, क्योंकि नेगी रिन्पोछे जी तांजिन ज्ञालछन, (शासन्धर ध्वज) सुन्नम निवासी एवं ज्ञाबुङ के गेशे रिन्पोछे जी रिग्जिन तान्पा (विद्याधर शासन) परम पावन दलाई लामा जी के गुरू रहे हैं।
दलाई लामा जी ने किन्नौर के सांगला, कल्पा, ब्रेलिंगी, रारंग, सुन्नम, पूह, नाको, चांगो, शलखर आदि गांव में पधारकर हितकारी उपदेश एवं श्री कालचक्र एवं आर्य अवलोकेतेश्वर का अभिषेक प्रदान कर हमें अनुगृत किए हैं और किन्नौर को पवित्र किए हैं।
रैली के बाद उपायुक्त किन्नौर के माध्यम से प्रधानमंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया, जिस में केन्द्र सरकार से इस संवेदनशील अवसर पर 14 वें दलाई लामा को भारत रत्न पुरस्कार व प्रदेश सरकार से हिमाचल रत्न से सुशोभित करने का आग्रह किया गया है ताकि सीमान्त जनता के आहत हृदय को शांति मिले। शांति रैली निकालते बौद्ध अनुयायी