शिमला, 19 अप्रैल : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के काफिले की क्लीयरेंस में रोकी गई एंबुलेंस में एमरजेंसी नहीं थी। राष्ट्रपति का काफिला प्रतिबंधित मार्ग मालरोड़ से गुजर रहा था। इसी दौरान रिज मैदान की तरफ से एक एंबुलेंस भी आ गई। पुलिस ने एंबूलेंस को काफिला गुजरने तक रोके रखा। इस मामले में खासा बवाल मच गया।

एसपी संजीव गांधी ने तुरंत ही इस मामले को लेकर मौखिक जांच की। इसमें खुलासा हुआ कि एक मानसिक रोगी को आईजीएमसी में चैकअप करवाने के बाद वापस शैल्टर होम में छोड़ा जा रहा था।
ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस के चालक से बाकायदा एमरजेंसी को लेकर बात भी की। एसपी संजीव गांधी की मानें तो चालक ने पुलिस को बताया कि काफिला गुजरने तक रोगी वाहन को रोकने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद ही राष्ट्रपति के काफिले को प्राथमिकता प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि शिमला का मालरोड व रिज मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र हैं। केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल के काफिले के अलावा रोगी वाहनों को ही गुजरने की अनुमति है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा कि मौके की सीसी फुटेज को भी खंगाला गया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल की स्थिति में पहली प्राथमिकता रोगी वाहन को ही दी जानी थी।