नाहन, 16 अप्रैल : डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में काम से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिला। कोविड-19 के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए इन कर्मचारियों ने उपमुख्यमंत्री से सेवा विस्तार बहाली एवं उनके लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि कोविड-19 के दौरान डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। उन्होंने पूरे कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दी। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में लगभग 1900 कर्मियों को कोरोना के दौरान काम पर रखा गया था।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 31 मार्च को अचानक ही इन कर्मियों को काम पर न आने के फरमान जारी किए गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड-19 के दौरान अपनी ड्यूटी को पूरे कर्तव्यनिष्ठा से निभाया है। उन्होंने ऐसे समय में भी काम किया जब उनके परिजनों ने भी उनसे दूरी बना ली थी। यही नहीं कर्मियों को काफी महीनों तक सैलरी भी नहीं दी गई। बावजूद इसके उन्होंने काम किया। काम से निकाले गए कर्मियों में डाटा ऑपरेटर, वार्ड बॉय, नर्स व लैब टेक्नीशियन शामिल है।
कर्मियों ने उप मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द ही उनका सेवा विस्तार कर दिया जाए। इसके साथ-साथ उन्हें किसी स्थाई नीति के अंतर्गत लाया जाए। जिससे किसी भी कर्मचारी को नौकरी पर जाने की दिक्कत न हो साथ ही उनका भविष्य भी सुरक्षित हो सके।
आपको बता दें कि गत 30 मार्च को नाहन मेडिकल कॉलेज में मौजूद 100 से अधिक कोरोना वॉरियर्स को अचानक ही काम पर ना आने के फरमान जारी कर दिए गए। जिसके बाद उन्होंने डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज के परिसर में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन भी किया था।