नाहन, 15 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नशे के खिलाफ मुहिम के प्रति वचनबद्धता को दोहराया है। अग्निहोत्री ने साफ किया कि नशे के खिलाफ मुहिम में कांग्रेस-भाजपा, आप-बाप व बसपा नहीं चलेगा। उनका कहना था कि हिमाचल में चिट्टा नहीं बनता, इसकी तस्करी पड़ोसी देशों से की जा रही है। लिहाजा, देश की सीमाओं को सील करने की जिम्मेदारी केंद्र की भी बनती है।

शनिवार को सूबे के उप मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। नशा मुक्ति केंद्रों पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी भी गहन जांच करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इच्छा शक्ति दिखाई है। उन्होंने कहा कि तस्कर चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, हर हाल में उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ मुहिम में दल विशेष की बात नहीं है। लक्ष्य ये है कि राज्य को सिंथेटिक ड्रग व चिट्टे से मुक्त करना है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ कुछ प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं। इनकी मंजूरी का इंतजार नहीं किया जा सकता, इसी के मद्देनजर हरेक जिला की पुलिस को नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पत्रकारों को पेंशन देने के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने एक जबरदस्त प्रतिक्रिया में कहा कि पत्रकार की कलम में दम होना चाहिए। दम होगा तो सरकार भी आएगी और अधिकारी भी आएंगे। जयराम सरकार पर हमला बोलते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में कर्मचारियों पर पानी की बौछार की गई, लाठियां चलाई गई।
उप मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की 10 गारंटियों पर पूछे सवाल पर कहा कि गारंटियां कांग्रेस का राजनीतिक धर्म है, इसे निभाना है। इसे नीतिगत दस्तावेज भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन को लेकर किन्तु-परंतु लगाए जा रहे है, लेकिन कर्मचारियों को इस बात को आश्वस्त रहना चाहिए कि आपको पेंशन लगा दी गई है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीएस के शेयर के तौर पर प्रदेश की 8 हजार करोड़ की राशि केंद्र के पास पड़ी हुई है, लेकिन केंद्र इसे लौटा नहीं रहा। जब एनपीएस के तहत पेंशन नहीं दी जानी है तो केंद्र को ये राशि लौटानी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनर्स की 11 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़ी हैं।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की सेवा पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चालक व परिचालक के अलावा स्टाफ बधाई का पात्र है। कठिन परिस्थितियों में भी सेवाएं जारी रखे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों से 15 साल पुराने वाहनों को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में 150 बसों को भी हटाया गया है।
उन्होंने कहा कि निगम को हर महीने 65 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है। केवल 6 प्रतिशत रूट की फायदेमंद साबित हो रहे हैं। पत्रकारवार्ता में विधायक अजय सोलंकी व विनय कुमार के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता रूपेंद्र ठाकुर इत्यादि मौजूद रहे।