बिलासपुर, 13 अप्रैल : जिला में पंचायत स्तर पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा लाखों रुपये की धांधली करने का आरोप लगाया है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विकास ठाकुर का कहना है कि ग्राम रोजगार सेवकों की नियुक्ति मनरेगा के तहत डाटा एंट्री करने के लिए हुई थी। इसकी एवज में उन्हें पहले कमीशन दिया जाता था, जिसे बाद में सरकार द्वारा उन्हें स्थायी वेजेस देने का निर्णय लिया गया।

मगर ऑडिट के दौरान पता चला कि विभिन्न कार्यों के जमा बिलों में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। अधिकारियों द्वारा एक-एक ग्राम रोजगार सेवक पर लाखों रुपए की रिकवरी डाली गई है जोकि सरासर गलत है। भ्रष्टाचार में लिप्त इन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें टर्मिनेट किया जाना था, मगर ऐसा नहीं हुआ है। वहीं विकास ठाकुर ने यह भ्रष्टाचार पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले की उचित जांच करवाने की मांग की है।
वहीं जिला पंचायत अधिकारी अश्विनी शर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच के लिए खंड विकास अधिकारी को तुरंत जांच के निर्देश दिए गए हैं। ताकि आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके।