नाहन, 12 अप्रैल : हिमाचल के नामी अल्ट्रा मैराथन धावक (ultra Merathan Runner) सुनील शर्मा ने 9 अनमोल जीवन बचाने के लिए ‘द ग्रेट सिरमौर रन-4’ (The Great Sirmour Run-4) का ऐलान किया हैै। खास बात ये है कि इस बार सुनील की ‘दौड़’ केवल सिरमौर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शिमला जनपद के चौपाल, रोहडू व रामपुर उपमंडलों के बाद ठियोग से होते हुए राजधानी शिमला में समाप्त होगी। रन में सुनील को करीब 10 दिन लगेंगे, यानि 23 अप्रैल को शिमला पहुंचेंगे।

हालांकि, सुनील चैरिटी जुटाने के मकसद से पहले भी रन कर चुके हैं, लेकिन इस बार की रन कठिन होने के साथ-साथ लंबी दूरी की भी है। वीरवार को नाहन के कालीस्थान मंदिर (Kalisthan Temple Nahan) से सुबह 9 बजे रन शुरू होगी। 16 अप्रैल को सुनील का लक्ष्य चौपाल पहुंचने का है। बगैर प्रैक्टिस के सुनील का साहस काबिले तारीफ है। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 9 गरीबों के लिए चैरिटी का उद्देश्य यह है कि पैसों के अभाव में अनमोल जीवन नहीं जाना चाहिए।
सिरमौरी चीते सुनील के मुताबिक 9 रोगियों में दो ऐसे लोग भी हैं, जो सड़क हादसों में जख्मी हुए थे। तेजी से उभरने वाले 18 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी को भी इलाज के लिए आर्थिक मदद की दरकार है। एक सवाल के जवाब में सुनील का कहना था कि प्रैक्टिस न होने की वजह से शिलाई तक पहुंचने की चुनौती रहेगी, लेकिन इसके बाद वो आरामदेह स्थिति में आ सकते हैं। हालांकि, सुनील ने राजनीति में भी हाथ आजमाया, लेकिन अल्ट्रा मैराथन धावक की पहचान एक समाजसेवक के तौर पर ही होती है।
संभवतः यही कारण होगा कि समाज सुनील को राजनीतिज्ञ की बजाय एक समाज सेवक के रूप में स्वीकार करना चाहता है। खास बात ये है कि तकरीबन 3 हजार फीट की ऊंचाई से शुरू होने वाली अल्ट्रा मैराथन तपिश वाले पांवटा साहिब से गुजरती हुई तकरीबन 7 से 8 हजार फीट ऊंचाई से गुजरेगी।
धावक सुनील शर्मा का कहना है कि इस दौरान एकत्रित चैरिटी की राशि को 9 मरीजों में बराबर विभाजित किया जाएगा। द ग्रेट सिरमौर रन के अलावा एक बार सुनील शर्मा ने नाहन के चौगान मैदान में ट्रेड मिल पर लगातार 24 घंटे रन करने का भी रिकॉर्ड बनाया था।
ये करें अगर बात…
धावक सुनील शर्मा का ट्रैक बेहद ही रमणीक है। इसमें न केवल पवित्र नदी मारकंडा का तट होगा, बल्कि यमुना (Yamuna) तट से गुजरते हुए उत्तराखंड की सीमा पर टौंस नदी (Tons River) के किनारे भी यात्रा पहुंचेगी। पब्बर नदी (Pabbar River) का भी दीदार होगा, रोचक ये है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पौधों में फ्लावरिंग भी धावक को एक ऊर्जा देगी।