नाहन, 05 अप्रैल : मेडिकल कॉलेज में एक साथ 110 आउटसोर्स कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया। जिसके रोष में बुधवार को निकाले गए सभी कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से मेडिकल कॉलेज में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कर्मचारी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से मिले। प्रधानाचार्य ने सरकार की ओर से मौखिक आदेश मिलने की बात कहते हुए कर्मचारियों को काम पर आने के लिए कहा। लेकिन कर्मचारियों ने लिखित आदेश मिलने पर ही काम पर आने की बात कही।
आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज में कोविड संकट के दौरान 110 आउटसोर्स कर्मचारियों का सेवाकाल 31 मार्च को पूरा होने था। कार्यकाल समाप्त होने के बाद गत सोमवार को उनकी सेवाएं खत्म कर दी गई। इनमें 60 स्टाफ नर्सें, 25 वार्ड बॉय के अलावा प्रयोगशाला तकनीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। बुधवार को इन सभी कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से रोष प्रकट किया।
आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि कोरोना काल में मुश्किल परिस्थितियों के दौरान उन्होंने कोविड संक्रमितों के उपचार में सेवाएं दी। जब अपनों ने संक्रमित मरीजों से दूरी बना ली थी उस मुश्किल के दौर में भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी। उम्मीद थी कि उन्हें विभाग में मर्ज किया जाएगा। लेकिन सेवा विस्तार करने की बजाए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। जबकि स्टाफ नर्सों को तो तीन महीने से मानदेय भी नहीं मिला हैं।
मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. श्याम लाल कौशिक ने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं दोबारा बहाल करने के लिए मौखिक निर्देश मिले हैं। इस पर उन्हें काम पर आने के लिए कहा गया है।