शिमला, 04 अप्रैल : हिमाचल सरकार की ओर से भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग में एक के बाद एक भर्ती घोटाले सामने आने व लगातार दर्ज हो रहे मामलों के बाद विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग के पूर्व सचिव व वरिष्ठ एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार कर लिया है।
मंगलवार को विजिलेंस ने पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। प्रदेश सरकार की तरफ से अभियोग चलाए जाने की मंजूरी मिलने के बाद जितेंद्र कंवर की गिरफ्तारी के कयास लगातार लगाए जा रहे थे। जांच में पुख्ता और ठोस सबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने उन पर कार्रवाई अमल में लाई है। गिरफ्तार किए गए जितेंद्र कंवर लगातार छह साल तक आयोग में सचिव पद पर रहे हैं। वह इस मामले में अहम कड़ी होने की वजह से विजिलेंस के रडार पर थे।
विजिलेंस के एक अधिकारी ने जितेंद्र कंवर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जेओए आईटी (पोस्ट कोड 965) पेपर लीक मामले में दर्ज एफआईआर में आयोग के पूर्व सचिव को गिरफ्तार किया गया है और बुधवार को आरोपित को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर लीक हो गया था। इस कारण जेओए आईटी की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। पेपर लीक मामले में 23 दिसंबर 2022 को पहला मामला दर्ज हुआ था। अगले दिन 24 दिसंबर को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद व उनके दो बेटे निखिल आजाद व नितिन आजाद सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिस महिला उमा आजाद पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत थी। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटे समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने 28 दिसंबर को जूनियर एडिटर, कंप्यूटर आपरेटर भर्ती पेपर लीक मामले में दूसरा मामला दर्ज किया था। 31 दिसंबर को दलाल संजीव के भाई शाशिपाल को गिरफ्तार किया गया।
पेपर लीक प्रकरण का मुद्दा गरमाने के बाद हिमाचल की सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 21 फरवरी को आयोग को भंग कर दिया। 25 मार्च को ओएमअर सीट से छेड़छाड़ करने वाले दो चपरासी किशोरी लाल व मदन लाल गिरफ्तार किए और 26 मार्च को दोनों को अदालत ने 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेजा था।